50 साल पहले 1971 में तेरापंथ केआचार्यश्री तुलसी का काेटा में मंगल प्रवेश, अब आचार्य महाश्रमण का -सात साल में 52 हज़ार किलोमीटर का विहार

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50 साल पहले वर्ष 1971 में तेरापंथ के 9वें आचार्यश्री तुलसी का काेटा में मंगल प्रवेश हुअा था। उस समय यहां सभी वर्गों, समाजों और संस्थाओं की अाेर से आचार्य श्री का स्वागत किया गया था। अब 50 साल बाद आज काेटा में तेरापंथ संघ के 11वें आचार्यश्री महाश्रमण का मंगल प्रवेश । वर्ष 1971 का यह दुर्लभ फाेटाे जैन तैरापंथी श्वेतांबर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष संजय बाेथरा ने भास्कर काे उपलब्ध करवाया है।

1971 – तब आचार्यश्री तुलसी के कोटा आगमन पर पन्नालाल बाेथरा ने समाज के लोगों के साथ उनका वंदन किया था।

2021- अाचार्य महाश्रमण मंगलवार को कराेंदी पहुंचे। यहां उनका मुनि कमल, मुनि अमन अाैर मुनि नमी से मिलन हुअा।

तेरापंथ के किसी आचार्य का 50 साल बाद होगा कोटा आगमन, 1971 में आचार्य तुलसी यहां पधारे थे। आचार्य महाश्रमण की 2014 में लालकिले से शुरू हुई अहिंसा यात्रा का अब हाड़ौती में मंगल प्रवेश।

साेमवार काे आचार्य महाश्रमण का मंगल विश्राम डाबी में हुअा। मंगलवार सुबह यहां से विहार कर विश्राम कराेंदी में हुआ। जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा अध्यक्ष संजय बाेथरा, मंत्री धर्मचंद जैन ने बताया कि एक दिसंबर काेटा की सीमा में मंगल प्रवेश हाेगा। 2 दिसंबर काे जुलूस दानबाड़ी पहुंचेगा। 4 दिसंबर तक काेटा में सानिध्य रहेगा।

खुद पैदल चलते हैं, स्वागत में 30 वाहन: 52 हजार किमी की अहिंसा यात्रा में आचार्यश्री ससंघ पैदल विहार कर रहे हैं लेकिन इनके साथ करीब 30 वाहन हैं। जगह-जगह पर समाजबंधु, जैनेतर समाजबंधु अगवानी अाैर स्वागत करते हैं।