सजल नेत्रों के साथ दिल्ली से हस्तिनापुर के लिए हुआ मंगल विहार-
भारतगौरव दिव्यशक्ति गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी का संघ सहित कल 25 नवम्बर को मध्याह्न 2.45 बजे पर दिल्ली के भगवान भरत ज्ञानस्थली तीर्थ-कनॉटप्लेस से हस्तिनापुर के लिए मंगल विहार हुआ।
सजल नेत्रों के साथ जहाँ पूज्य माताजी व प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी आदि संघ ने 31 फ़ीट उत्तुंग भगवान भरत से विदा ली वहीं उपस्थित अनेकों भक्तों ने द्रवित नेत्रों के साथ अपनी गुरुमाँ को भी विहार करवाकर उनसे विदाई ली।
इतना ही नहीं इस अवसर पर सप्तम पट्टाचार्य श्री अनेकान्तसागर जी महाराज ने भी अपने सभी साधुओं व शिष्यों के साथ पूज्य माताजी के मंगल विहार व अच्छे स्वास्थ की शुभेच्छा करते हुए अश्रु भरे नयनों से पूज्य माताजी व संघ को आशीर्वाद देकर सभी को राजा बाज़ार जैन मंदिर तक प्रस्थान कराया।
एक तरफ़ उत्साह एवं बाजे-गाजे के साथ हाथों में केशरिया ध्वज थामें श्रीमती सुजाता शाह पुणे ने संघपती का दायित्व निभाया तो दूसरी तरफ़ उदास मन के साथ दिल्ली के भक्तों ने पूज्य माताजी को अपने राजधानी शहर से विहार कराते हुए उन्हें प्रथम पड़ाव लालमंदिर, चाँदनी चौक तक छोड़ा।
बंधुओं विहार क्रम में 26 नवम्बर को मध्याह्न लगभग 2 बजे लालमंदिर से पूज्य माताजी संघ का मंगल विहार कैलाशनगर गली न. 2 स्थित दिगम्बर जैन मंदिर के लिए होगा। 27 व 28 नवम्बर को यहीं आहारचर्या व धर्मसभा आदि कार्यक्रम होंगे पुनः 28 नवम्बर को मध्याह्न ऋषभविहार के लिए प्रस्थान होगा।
-डॉ. जीवन प्रकाश जैन (संघस्थ) जंबूद्वीप हस्तिनापुर
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