मोक्षगमन को देखना इस निश्चय को दोहराना है कि जीवन के सभी कार्य तब तक सफल नहीं कहे जा सकते जब तक उसका अंतिम लक्ष्य मोक्षगमन न हो: मुनि श्री प्रणम्य सागर महाराज

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श्री 1008 चिंतामणि भगवान पार्श्वनाथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव श्री चिंतामणि भगवान पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट एम.के.पुरम पश्चिमपुरी के तत्वाधान में आज मोक्ष कल्याणक के पांचवें दिन एम.के.पुरम पश्चिमपुरी में अर्हं योग मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर महाराज एवं मुनि श्री 108 चंद्रसागर महाराज ससंघ के सानिध्य में पंडित जी विनोद कुमार सनत कुमार ने श्री जी अभिषेक हुआ और विधान पूजन संगीतमय के साथ हुआ। सागर से पधारी सिद्दार्थ एन्ड पार्टी ने भजनों पर श्रद्धालुओं ने बड़ी भाव से भक्ति की। पंचकल्याणक महोत्सव का मोक्ष कल्याणक के साथ समापन हो गया।

इस मौके पर सुबह जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक, शांतिधारा, नित्यमह पूजन, दशभक्ति पाठ, मोक्ष गमन, निर्वाण कल्याणक पूजन, शांति यज्ञ एवं विसर्जन हुआ। भगवान के मोक्ष कल्याणक के बाद भगवान पार्श्वनाथ जी का प्रथम महामस्तकाभिषेक हुआ! जहां प्रथम अभिषेक की बोली, श्री नीरज जैन, पंकज जैन जी ( जिनवाणी चैनल को मिला) वहीं भगवान की प्रथम शान्तिधारा करने का सौभाग्य श्री केवलचन्द जी राहुल जैन व श्री चन्द्र जैन, संजय जैन जलेसर वाले परिवार को मिला।

मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर महाराज ने अपनी वाणी से कहा कि इसको जो यह हम वार्षिक उत्सव आपके लिए ध्यान में रहना चाहिए। यह पंचकल्याणक का आज मोक्ष कल्याणक का दिन था और इस दिन में हमे प्रतिवर्ष एक आयोजन समाज के मेले होते है। भगवान की भक्ति में अपना मन लगाकर रखें। इसी से हमारी आत्मा के परिणाम शुद्ध होते है। इसी से हमको मोक्ष मार्ग की प्राप्ति हुई थी। हम अक्सर एक त्रुटि करते हैं कि मोक्ष कल्याणक को अंतिम कल्याणक कहते हैं।

एक तरह की आत्मा के लिए मोक्षगमन के साथ यह अंतिम पड़ाव हो, किन्तु तीर्थंकरत्व की यात्रा जो एक दर्शन को समग्र रूप देती है, अंतिम कहना विचारणीय है। वास्तव में मोक्षगमन जैन दर्शन के चिंतन की चरमोत्कृष्ठ आस्था है जो प्रत्येक हृदय में फलित होना चाहिए। समस्त कल्याणक महोत्सव का यह सरताज है। मोक्षगमन को देखना इस निश्चय को दोहराना है कि जीवन के सभी कार्य तब तक सफल नहीं कहे जा सकते जब तक उसका अंतिम लक्ष्य मोक्षगमन न हो। सभी पात्रों एवं पंडित जी को सम्मान किया गया।

अयोध्या नगरी एम.के.पुरम पश्चिमपुरी से शुरू होकर करगिल पेट्रोल पंप से होते हुए सेक्टर 9 से जैन मंदिर सेक्टर 7 पर समाप्त हुई । ललित पुर से आये दिव्य घोष बैंड की मधुर ध्वनि से भजन प्रभु रथ पर हुए सवार नागरा बाजरा पर थिरकते हुए श्रद्धालुओं भक्ति की। भगवान जिनेन्द्र की रथयात्रा कार्यक्रम स्थल से श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर 7 आवास विकास कॉलोनी पर पहुंची। रथयात्रा में भगवान की मूर्तियां लेकर श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।

इस दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं ने भगवान की आरती उतारकर जुलूस का स्वागत किया। इस अवसर पर पंचकल्याणक मंदिर समिति के प्रदीप जैन पी.एन.सी, अध्यक्ष राजेश जैन, महामंत्री राहुल जैन,कोषाध्यक्ष संजय जैन,मुख्य संयोजक मनोज जैन, जगदीश प्रसाद जैन, राकेश जैन पर्दे वाले, संयोजक विजय जैन, अनिल आदर्श जैन, डॉ. शैलेन्द्र जैन, अनुराग जैन,अमर जैन, राकेश जैन पेंट, चौ.गौरव जैन,सुशील जैन, दीपक जैन, रवि जैन, अमित जैन, दीपक जैन, विशाल जैन, अनिल जैन, विपिन जैन, शैलेंद्र जैन, संदीप जैन, आदिश जैन, मीडिया प्रभारी राहुल जैन एवं समस्त सकल दिगंबर जैन समाज के श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।