बाल ब्रह्मचारी अविरल भैया का नाम मुनि श्री 108 निसंघ सागर, बृजेश भैया का मुनि श्री निर्मोह सागर, संजय भैया का मुनि श्री निवृत सागर, अंकुश भैया का मुनि श्री निर्विकल्प सागर और स्वांतम भैया का मुनि श्री निर्ग्रन्थ सागर हो गए।
स्वांतम भैया अब मुनि श्री निर्ग्रन्थ सागर बन गए
सांसारिक सुख का त्याग कर 5 दीक्षार्थी रविवार को जैन मुनि बन गए। 108 मंत्रों से इन सभी का संस्कार किया गया। आचार्य 108 विशुद्ध सागर जी महाराज ने इन्हें जैनेश्वरी दीक्षा दी। इसे लेकर पारसनाथ मधुबन स्थित 13 पंथी कोठी में बने भव्य पंडाल में भव्य समारोहपूर्वक दीक्षा महोत्सव सम्पन्न हुअा। समाराेह में हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु शामिल हुए। इसके साथ ही भगवान पार्श्वनाथ की तप स्थली एक बार फिर नोमस्तु शाषन जयवंत से गूंज उठा। श्रमण संस्कृति को जागृत करते हुए देश के 5 युवा दीक्षार्थी जैनेश्वरी दीक्षा धारण करते हुए हजारों श्रद्धालुओं के समक्ष वस्त्र का त्याग कर दिगम्बर मुनि बन गए। आचार्य भगवंत विशुद्ध सागर जी महाराज ने पांचों दीक्षार्थियों को दीक्षा देते हुए पांचों का नामकरण भी किया। कार्यक्रम में डिस्प्ले के लिए लगी एलईडी टूट कर जाने से थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया, हालांकि इस घटना में किसी को चोट नहीं आई।
150 देशों में हुआ दीक्षा महोत्सव का लाइव प्रसारण
समारोह का लाइव प्रसारण 150 देशों में हो रहा था। कार्यक्रम में बंगाल, बिहार, उड़ीसा तीर्थ क्षेत्र कमेटी जो कार्यक्रम के आयोजक थे, उसके समस्त पदाधिकारीगण मौके पर उपस्थित थे। कार्यक्रम से पूर्व ट्रष्ट के महामंत्री सुरेश सेठी ने धर्म ध्वजा फहराया। तत्पश्चात मंच पर आचार्य भगवंत विराग सागर जी महाराज व 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के चित्र का आवरण किया गया।
दीक्षा के पश्चात आपके सामने सिर्फ चुनौती: विशुद्ध सागर जी
आचार्य 108 विशुद्ध सागर जी महाराज ने अपने प्रवचन के माध्यम से दीक्षा से पूर्व दीक्षार्थियों से कहा कि अहो ब्रह्मचारियों अब भी आप सब के सामने समय है, दीक्षा के पश्चात आपके सामने सिर्फ चुनौती ही रह जायेगा। अहो योगीश्वरों मुनि बनना ही है तो ऐसा बनना की कभी भी भगवान महावीर की मुद्रा को कलंकित न होने देना। जिनशासन को सदा जयवंत करते रहना।
दीक्षार्थियों काे दूध, केशर, चंदन से कराया शाही स्नान
रविवार को समारोह के दौरान भीड़ उमड़ पड़ी। आकलन से अधिक लोग पहुंचे, लिहाजा लंबा चौड़ा पंडाल खचाखच भरा हुआ था। इस बीच तेरापंथी कोठी में आयोजित भव्य दीक्षा कार्यक्रम से पूर्व पांचों दीक्षार्थियों का केश लोच कर शाही स्नान करवाया गया। शाही स्नान में श्रावकों द्वारा पांचों दीक्षार्थियों को दूध, केशर, चन्दन आदि से शाही स्नान करवाया गया।
अब इन नामों से जाने जाएंगे युवा दिगंबर मुनि
जिन लोगों ने दीक्षा ग्रहण की : दिल्ली के 27 वर्षीय आइआइटीयन अविरल, मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के ब्रजपुर के हीरा व्यवसायी 46 वर्षीय ब्रजेश, मध्य प्रदेश इंदौर के रहने वाले और सरकारी अधिकारी के पुत्र 19 वर्षीय स्वातम, बड़े किसान परिवार के भोपाल के 36 वर्षीय संजय एवं मध्य प्रदेश के ही भिंड के 25 वर्षीय स्नातक अंकुश।
संजय भैया अब मुनि श्री निवृत सागर
अविरल भैया अब मुनि श्री 108 निसंघ सागर
ब्रिजेश भैया अब मुनि श्री निर्मोह सागर
अंकुश भैया अब मुनि श्री निर्विकल्प सागर
जिसमें नव दीक्षित दीक्षार्थी में बाल ब्रह्मचारी अविरल भैया का नाम मुनि श्री 108 निसंघ सागर, बृजेश भैया का मुनि श्री निर्मोह सागर, संजय भैया का मुनि श्री निवृत सागर, अंकुश भैया का मुनि श्री निर्विकल्प सागर और स्वांतम भैया का मुनि श्री निर्ग्रन्थ सागर हो गए। पांचों दीक्षार्थियों का दीक्षा संस्कार के पश्चात आचार्य भगवंत के द्वारा नव दीक्षित मुनियों के हाथ में पिक्छी कमंडल पकड़ाया गया।
SOURCE BHASKAR