आचार्यश्री निर्मल सागर जी के देवलोकगमन के बाद शुरू गिरनार में गोलमाल, लाखों की जमीन कोड़ियों में बेची

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YOU TUBE पर चैनल महालक्ष्मी पर आज मंगलवार 12 अक्टू.रात्रि 8 बजे EXCLUSIVE खुलासा
गिरनार में गोलमाल – 1 महाराज और 2 ट्रस्टियों की साठगांठ से जैन समाज की दान राशि की
लाखों की जमीन कोड़ियों में बेची

गिरनार में गोलमाल – समाज की जमीन कौडियों में बेची!
सान्ध्य महालक्ष्मी / 12 अक्टूबर 2021
गिरनार सूत्रों से मालूम चला है कि पिछले दो दशकों में आचार्य श्री निर्मल सागरजी ने निर्मल ध्यान केन्द्र, समोशरण मंदिर के बाद, पहाड़ी तक कई प्लाट खरीदें, जिनमें से एक के कागज गिरनार ट्रस्ट के नाम ना होकर, खास भक्त के नाम पर थे। 100 गज का प्लॉट, जिसकी कीमत कुछ समय पहले 38-40 लाख रुपये लगाने के बावजूद नहीं बेची गई, पर अब कुछ दिन पहले उसे महज 5.51 लाख रुपये में बेच गिया गया, जिसकी भनक दो को छोड़े किसी ट्रस्टी को नहीं लगी। यहां तक कि उस जमीन की पॉवर आॅफ अटार्नी जिन ब्रह्मचारिणी बहन के नाम है, उनको भी नहीं पता चला। एक ट्रस्टी का आरेप है कि दो ट्रस्टियों व एक महाराज की मिलीभगत से यह सब गोलमाल किया है।

इस बात का जब कल (11 अक्टूबर को) खुलासा हुआ, तो सभी ट्रस्टियों में हड़कम्प मच गया। सवाल उठता है कि जैन समाज के दानवीरों के पैसों से खरीदी गई जमीनों को क्यों ट्रस्ट के नाम नहीं खरीदा गया, वहीं अब उनके जाने के बाद उन्हें अन्दर ही अंदर कौड़ियों के भाव बेचना, उस दान के पैसा का दुरुपयोग है। एक तरफ जैन समाज गिरनार पर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ समाज के पैसे से खरीदी गई प्रापर्टियों की बिकवाली भी शुरू हो गई है। जिन भक्त के नाम इस 100 गज की प्रापर्टी के कागज थे, वे अब फोन नहीं उठा रहे हैं। एक ट्रस्टी ने बताया उस भक्त ने 2.21 लाख, खरीदार की पत्नी ने 1.31 लाख, उनके दोनों पुत्रों ने एक-एक लाख ट्रस्ट के खातें में जमा किये। स्पष्ट है कि उन्होंने जैन समाज के द्वारा दिये गये दान की जमीन खरीदी और एवज में यह राशि ट्रस्ट के खाते में जमा करा दी।

दावा किया जा रहा है कि 2007 में खरीदी गई इस जमीन को अब 14 साल बाद आचार्य श्री के जाने के बाद उन्हीं के चचेरे भाई परिजन के नाम बेचा गया है, जिनको आचार्य श्री ने अपने रहते ट्रस्ट में नहीं आने दिया, उनके जाते ही उसको 40 लाख की जमीन 5.51 लाख रुपये में बेचा (वो भी वह जमीन जो जैन समाज के दान से खरीदी गई हो) बहुत कुछ गोलमाल की ओर संकेत करता है। सान्ध्य महालक्ष्मी ने कई ट्रस्टियों से बात की, अपना नाम न छापने की शर्त पर वे बहुत कुछ कहते हैं, पर इसकी जानकारी सब को 10-11 अक्टूबर को ही हुई, जबकि आचार्य श्री से जुड़े एक ब्रह्मचारी भैया का कहना है कि इसकी जानकारी कुछ दिन में इस पर से पूरा पर्दा उठ जाएगा।

(इस घटनाक्रम की पूरी जानकारी 12 अक्टूबर 2021 को जारी चैनल महालक्ष्मी के 750वें एपिसोड – ‘गिरनार में गोलमाल’ में देखिये)।