यम सल्लेखना का चौथा दिन, 92 वर्षीया आर्यिका दुर्लभ मति माताजी जीवन के श्रेष्ठतम लक्ष्य की ओर

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कोथली । 24-09-2021 आज 92 वर्षीय क्षपकोत्तमा आर्यिका श्री दुर्लभ मति जी का चौथा उपवास है

वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी निर्यापकाचार्य हैं और गणनी आर्यिका श्री सरस्वती मति जी संबोधित करते हुए

पूज्य आर्यिका माताजी की सजगता तन्मयता एकाग्रता , सरलता विनय दर्शनीय पूजनीय है, ऐसे दृश्य मन को आनंदित करते हैं और ऐसे दृश्य देख कर ही कर्मों की निर्जरा होती है