मानव जीवन को सार्थक करने के लिए हमेशा दूसरों की ख़ुशी के बारे में सोचो: आचार्य श्री अतिवीर जी

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रानी बाग, परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने बताया कि सत्य को कभी भी शब्दों में बाँधा नहीं जा सकता| जब-जब हम सत्य को स्पष्ट करने के लिए शब्दों का सहारा लेंगे तब-तब हम सत्य के एक पहलु को गौण कर देंगे| सत्य तो केवल अनुभव में लाया जा सकता है| जिस दिन हमने शब्दों को छोड़ कर अन्तरंग से अनुभव में उतार लिया उस दिन हम सब लोग सत्यता को प्राप्त हो जाएंगे| हमारे पास शब्द तो सीमित ही हैं परन्तु सत्य तो सीमाओं से परे है| सत्य तो असीम है तथा उसे किसी बंधन में बांधना असम्भव है|

आचार्य श्री ने आगे कहा कि मानव जीवन को सार्थक करने के लिए हमेशा दूसरों की ख़ुशी के बारे में सोचो। यदि हमने अपने जीवन में दस धर्मों को अंतःकरण से अंगीकार कर लिया तो हमारा कल्याण हमसे दूर नहीं है। रानी बाग क्षेत्र में प्रथम बार हो रहे चातुर्मास में प्रतिदिन भक्तों की भारी भीड़ ने प्रत्येक कार्यक्रम में उत्साह पूर्वक सम्मिलित होकर पुण्यार्जन किया। दसलक्षण महापर्व के अनन्तर श्री पुष्पदंत भगवान व श्री वासुपूज्य भगवान का निर्वाण कल्याणक दिवस भी आयोजित किया गया|

अनंत चतुर्दशी के पावन अवसर पर रानी बाग क्षेत्र के इतिहास में प्रथम बार 51 इंद्रों ने मूलनायक श्री शान्तिनाथ भगवान का स्वर्ण कलश द्वारा महामस्तकाभिषेक कर पुण्यार्जन किया| तत्पश्चात समस्त प्रतिमाओं का अभिषेक किया गया तथा आचार्य श्री के मुखारबिंद से विशुद्ध उच्चारित महामांगलिक वृहद् शांतिधारा संपन्न हुई| दिनांक 23 सितम्बर 2021 को क्षमावाणी महापर्व का आयोजन किया जा रहा है तथा इसी दिन पूज्य आचार्य श्री के 57वें जन्मदिवस के अवसर पर गुरुभक्त सादर विनयांजलि अर्पित कर आचार्य श्री का प्राप्त करेंगे|