सफलता के आकाश में एक नई उड़ान के साथ न्यायमूर्ति अंकिता जैन—
23 वर्षीय कु. अंकिता जैन, टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) ने श्रमसाध्य साधना और सघन समर्पण के बलबूते पर न्याय के सिंहासन पर पदासीन होने का गौरव प्राप्त किया। अंकिता जैन, प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ, जबलपुर की 2013 के बैच की छात्रा थी। परम पूज्य आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महामुनिराज की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से ही अंकिता ने सिविल जज बनने का निर्णय लिया था।
मानवता के हित में अन्याय की पीठ पर बैठ, न्याय का बिगुल बजाने वाली कु. अंकिता प्रतिभास्थली की प्रथम ऐसी छात्रा है, जिन्होंने सिविल जज की परीक्षा में छठा स्थान प्राप्त कर न्याय के इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरो में अंकित कराया है।