महाराष्ट्र और कर्नाटक मे फिर एकबार बाढ़ आयी है। 2019 के महाप्रलयंकारी बाढ जैसी ही स्थिति बन गई थी। पहले से लोग सावधान होने के कारण इस बार कोई जन मानस हानि आदि नहीं हुई है।लेकिन इधर का पूरा समाज खेती प्रधान है उसके कारण खेत मे पूरे पाणी के कारण पूरी फसल गई है।
खेती के साथ यहां पर पशुपालन भी जोड धंदा के रूप मे करते है। अभी सभी खेती पाणी मे जाने के कारण इन पशुओं को चारा मिलना मुश्किल हो गया है। इसलिए जहां भी चारे की आवश्यकता है वहाँ पहुँचाने का प्रयास हम शांति विद्या के कार्यकर्ता कर रहे है।
प. पू. संतशिरोमणी आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज के आशिर्वाद से एवं तरुणाई के प्रखर वक्ता मुनिश्री प्रमाणसागरजी महाराज, मुनिश्री पवित्रसागरजी महाराज, मुनिश्री अक्षयसागरजी महाराज और मुनिश्री सुपार्श्वसागरजी महाराज के प्रेरणा से पिछले कुछ दिनों से यह कार्य निरंतर शुरू है। इस कार्य मे जैन संघ पूणे बडा सहयोग मिल रहा है।
जैन संघ पूणे के साथ ही कुछ व्यक्तिगत दानदाताओं ने भी सहयोग किया है। जैन संघ पूणे और सभी दानदाताओं को बहुत बहुत धन्यवाद। अतिआवश्यकता है वहाँ प्रत्यक्ष कार्यकर्ता जाकर सहयोग पहुंचा रहे है।
बा. ब्र. तात्या भैय्याजी
अभयकुमार बरगाले
अध्यक्ष, शांति विद्या ज्ञानसंवर्धन समिती