समाधान- *मुनि श्री प्रणम्य सागर जी
भगवान कुछ करने की बुद्धि मे तो नहीं रहते हैं,लेकिन इतना जरुर है कि जब हमारा उपयोग भगवान तक पहुंचता है तो हमे अपने आप उनसे बहुत कुछ मिल जाता है जैसे कि हम खिड़की खोलते हैं तो सूर्य का प्रकाश हमें मिल जाता है,
क्योंकि सूर्य का कार्य तो प्रकाश करना ही है,उसी प्रकार से प्रार्थना एक माध्यम है,जब हम भगवान से प्रार्थना करते हैं तो वहां से अपने आप हमारे अन्दर पुण्य आता है,शक्ति आती है,उससे काम बन जाते हैं।