आज आषाढ़ शुक्ल छठी को अंतिम तीर्थंकर श्री #महावीर स्वामी जी का गर्भ कल्याणक दिवस

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आज ही के दिन हमारे अंतिम 24 वे तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी जी जिन्हें वीर, अतिवीर, सन्मति और वर्धमान के नाम से भी जानते हैं।

वह पुष्पोत्तर विमान में आयु पूर्ण कर ,आज ,आषाढ़ शुक्ल छठ के दिन ही कुंडपुर में महारानी त्रिशला के गर्भ में आए। कह सकते हैं , वह जीव जो दादा के तीर्थंकर बनने के बाद भी, अपने को नहीं सवार सका, वह जीव जो भील की पर्याय में अनेक जीवो की बलि लेता था हिंसा करता था, मांस खाता था वही जीव, जिसको जो रिद्धि धारी मुनिराज सिंह की पर्याय में उद्बोधन देते हैं ,वही जीव जो अनेकों बार सीप, नीम का वृक्ष, केलि वृक्ष ,चंदन वृक्ष ,कनेर वृक्ष, वेश्या, शिकारी, हाथी ,गधा, कुत्ता, नपुंसक ,स्त्री, धोबी, घोड़ा, बिल्ली आदि बना, वही जीव, इस काल में 24 वे तीर्थंकर के रूप में ,आज ही के दिन गर्भ में आते हैं, महारानी त्रिशला के।

तीर्थंकर महावीर स्वामी के, गर्भ कल्याणक पर, उनके चरणों में बारंबार नमन ,नमन वंदन, वंदन।