साधु दिगंबर होता है, तुम्हें दिगंबर मरते समय किया जाएगा, कपड़ों को पहले छोड़ दो, नहीं तो कपडें तुम्हें छोड़ देगा: मुनिपुंगव श्री सुधासागर

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देशनोदय चवलेश्वर- निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव मिथ्यात्व भंजक108 श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
1.गरीब को अमीर के प्रति कैसा-तुम गरीब हो तो यह बताओ कोई अमीर आदमी तुम्हारे सामने से गुजरता है, तो तुम्हें कैसा लगता है, यदि तुम्हें गुस्सा आ रहा है, चिड़चिड़ा पन सा लग रहा है, तो तुम ध्यान रखना तुम कभी भी अमीर नहीं बन पाओगी हमेशा गरीबी रहोगे, क्योंकि हमने किसी अमीर व्यक्ति को देखकर उसके प्रति ईर्ष्या का भाव कर लिया और यदि किसी अमीर व्यक्ति को देखकर हमें अच्छा लग रहा है, तो समझ लेना कि हम भी एक दिन हमें भी एक दिन अमीर व्यक्ति बनेंगे

2.कर किससे-सरकार जिन पर खर्च करती है, उनसे टैक्स लेती है, उनसे कर लेती , साधु पर कोई कर नहीं लगता क्योंकि सरकार से साधु कुछ भी नहीं लेता और यदि साधु की कोई भी चीज कमंडल पीछी चोरी हो जाए, तो साधु fir भी दर्ज नहीं करा सकता।

3.नियत-नियत को बदलने वाले 2 लोग होते हैं एक नियत को बदलने जाते हैं जो अनियंत्रित हो जाते हैं एक वो जो नियत को बदलने जाते हैं तो नियंत्रित हो जाते हैं महान आत्माएं भी नियत धारा के प्रतिकूल चलती है जो निकृष्ट आत्माएं भी नियत धारा के प्रतिकूल चलती हैं, एक प्रतिकूल चलकर पार हो जाते हैं और एक प्रतिकुल चलकर डूब जाते हैं, डूबने वालों की संख्या ज्यादा है और पार होने वालों की कम होती है।

4.दिगंबर-साधु दिगंबर होता है, तो तुम्हें दिगंबर मरते समय किया जाएगा, इसलिए कपड़ों को पहले छोड़ दो, नहीं तो कपडें तुम्हें छोड़ देगा।
5.कर्म कहता है कि मैं पुण्य के फल को दिए बिना जाऊंगा नहीं और साधु कहता है कि मैं पुण्य के फल को भोगूँगा नहीं ।।

प्रवचन से शिक्षा-अपना आचरण ऐसा बनाओ इस प्रकृति का कोई भी बंधन तुम्हें बांधे ना पाए
सकंलन ब्र महावीर