आचार्य श्री #विद्यासागर जी महामुनिराज के आशीर्वाद से 88 वर्षीय श्रद्धाश्री माताजी पिछले 169 दिनो से सल्लेखना की साधना में रत

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कटंगी नगरी की 88 वर्षीय श्रद्धा श्री माताजी पिछले 169 दिनो से सल्लेखना की साधना में रत है
उन्होने पिछले 169 दिनो से मात्र उबली हुई लौकी , वह भी दिन में एक बार ही ग्रहण की है ! जिसमें से 49 दिनो में जल उपवास किये है

और अभी पिछले* 21 दिनो से , आचार्य भगवंत के निर्देशानुसार जल उपवास की साधना चल रही है ! और अभी पिछले पॉच दिनो से उनको जल दिया जा रहा है मगर वे मुंह में अंदर जल ग्रहण नही करके , वापिस निकाल देती है क्योंकि वे मना कर रही है कि जल भी नही लेना हैं !
धन्य है ऐसी उत्कृष्ट साधना

और इनकी इस उत्कृष्ट समाधि के लिये , गुना नगर की शान , रंगोली मास्टर , भारत वर्ष में विख्यात , समाधि expert , उत्कृष्ट साधना की धनी , एक साल मे तीनो दसलक्षण पर्व में दस उपवास की साधना करने वाली , भोजन बनाने की कला में दक्ष , एक शतक से ऊपर समाधि कराने वाली !

नाड़ी विशेषज्ञ व हस्त रेखा विशेषज्ञ और भी न जाने कितने गुण समाहित हैं ,गुणो की खान कहना उचित ही है
ऐसी गुणो की खान , परम आदरणीय ब्रहमचारिणी आराधना दीदी गुना इन की सल्लेखना के लिये , लगभग साढे पॉच माह से क्षपक की सेवा में लगी हुई है जो निरंतर इनकी समुचित देखभाल भी पूरी पूरी रात जागकर कर रही है