नेमावर पंचकल्याणक : सीमित पात्रों को ही सम्मिलित होने का अवसर, आने वाले समय में एक भव्य बेदी प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम

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नेमावर पंचकल्याणक : सीमित पात्रों को ही सम्मिलित होने का अवसर, आने वाले समय में एक भव्य बेदी प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम
संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज की मंगल प्रेरणा और आशीर्वाद से सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर में निर्माणाधीन पंचबालयती-त्रिकाल चौबीसी एवं सहस्त्रकूट जिनालय का पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव, आदर्श आचार संहिता के साथ 15 जून से होने जा रहा है।

सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र से संपूर्ण भारत वर्ष के धर्मानुरागी बंधु और गुरुभक्त जुड़े हुए हैं। आप सभी के महत्वपूर्ण सहयोग और समर्पण से इस भव्य तीर्थ का निर्माण कार्य अंतिम चरणों में होकर पूर्णता की ओर है। ट्रस्ट कमेटी व आयोजकों के भाव थे कि इस पंचकल्याणक में सभी दानदाताओं और श्रद्धालुओं की भी उत्साह के साथ सहभागिता हो, लेकिन समय की अनुकूलता नहीं होने के कारण फिलहाल इस पंचकल्याणक में सीमित पात्रों को ही सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हो रहा है।

कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद, एक भव्य कार्यक्रम नेमावर में होने के संकेत प्राप्त हुए हैं। आने वाले समय में एक भव्य बेदी प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम नेमावर में होगा जिसमें नेमावर क्षेत्र से जुड़े मूर्ति प्रदाता,बेदी प्रदाता, मंदिर निर्माण में सहभागी, नेमावर क्षेत्र निर्माण में सभी महत्वपूर्ण सहयोग करने वाले बंधुओं को अपने कर कमलों से बेदी प्रतिष्ठा महोत्सव में विधि विधान एवं अन्य धार्मिक क्रियाएं करने का सौभाग्य होगा पंचकल्याणक के कार्यक्रमों को लाइव प्रसारण के माध्यम से आप तक पहुंचाया जाएगा। आप सभी से हमारा विनम्र आग्रह है कि आप अपने घर से ही इसमें अपनी सहभागिता दर्ज कराते हुए अनुमोदना करें।अभी क्षेत्र पर पूर्ण रुप से लॉकडाउन लागू है।

आचार्य गुरुवर परम पूज्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में एवं वाणीभूषण बाल *ब्रह्मचारी श्री विनय भैयाजी* के निर्देशन में श्री दिगंबर जैन रेवातट सिद्धक्षेत्र ट्रस्ट कमेटी के तत्वाधान में जैन समाज के इतिहास का एक आदर्श पंचकल्याणक दिनांक 15 जून से 21 जून तक सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर में होने जा रहा है। सिर्फ पात्रों को इस पंचकल्याणक में सहभागी होने का सौभाग्य प्राप्त होगा। शासन की कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए सीमित संख्या में पात्रों के द्वारा पंचकल्याणक की विधि विधान धार्मिक क्रियाएं संपन्न होंगी।