आज आचार्य आर्यनंदी दीक्षा दिवस : समाज को एकजुट करने व तीर्थरक्षा में अपूर्व योगदान

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आज आचार्य आर्यनंदी दीक्षा दिवस : समाज को एकजुट करने व तीर्थरक्षा में अपूर्व योगदान

आज प. पू. तीर्थरक्षा शिरोमणि आचार्य आर्यनंदी मुनि महाराज का दीक्षा दिवस है।

आपका जन्म बीडकीन,तालुका-पैठन,जिला औरंगाबाद में सैतवाळ जैन परिवार में हुआ।

दीक्षा के पूर्व आप अंग्रेज सरकार में तहसीलदार थे।

आपने समाज को एकजुट करने व तीर्थरक्षा में अपूर्व योगदान दिया।

आपकी दीक्षा 13 नवंबर 1969, मंगसिर कृष्ण पंचमी ,में सिद्धक्षेत्र कुंथलगिरी, महाराष्ट्र में पूज्य समन्तभद्र मुनिराज(कुम्भोज)के करकमलो से हुई।

आपने नवागढ़,ऐलोरा गुरुकुल की स्थापना करवाई। महाराष्ट्र में जहां-जहां मंदिर व बड़ी समाज थी वहां पाठशाला शुरु करवाई।

तीर्थरक्षा समिती का आपके सानिध्य में गठन हुआ और आज के 50 साल पहले आपने उसके निमित्त 1 करोड़ रुपए की धनराशि इकट्ठी करवाई।

आचार्यश्री विद्यासागर मुनि महाराज आपका नाम स्मरण आदर से करते थे।

आप आगमनिष्ठ निर्दोष मुनिचर्या पालक श्रमण थे।

आचार्य श्री आर्यनंदी मुनि लिए के चरणों में त्रिवार नमोस्तु!

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