नींद की दवाई तो होती है, लेकिन जगाने की कोई दवाई नहीं होती, जागना हमे स्वयं पड़ता है क्योकि आज तक #विज्ञान जागने की होश की दवाई नही बना पाया:मुनिपुंगव श्री #सुधासागर जी

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6 जुन2 021,देशनोदय चवलेश्वर – निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव मिथ्यात्व भञ्जक108 श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
विज्ञान संध्या की लाली है धर्म प्रातः काल की लालिमा है दोनों लालिमा है लेकिन बहुत अंतर है

1.नींद की गोली-नींद की गोली, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी है और यह गम मिटाने के लिए नींद की गोली लेकर सो जाते हैं, लेकिन आदमी की नींद पूरी होती है और शरीर को खराब कर देती है, एक बार नींद की गोली लेने से शरीर को बहुत नुकसान होता है।डॉक्टर के पास बेहोशी की दवाई तो होती है, लेकिन होश की दवाई नहीं होती,नींद की दवाई तो होती है, लेकिन जगाने की कोई दवाई नहीं होती, जागना हमे स्वयं पड़ता है क्योकि आज तक कोई विज्ञान जागने की होश की दवाई नही बना पाया।

2.बैरी कौन-हमने अच्छा कार्य किया उसको याद रखें, साल भर याद किया आपने कोई पाप किया गलती कि वह मित्र आपको कई 1वर्ष पहले ही आपकी पाप की याद है और आपको याद दिला दें, तो आपका बैरी है, गलत रास्ते पर ले जाए ले जाता है, वह मित्र नहीं बैरी है, दुश्मन भी है कि आपका और आपको गलत रास्ते पर जाने पर रोकता है, अच्छे रास्ते पर जाने के लिए बोलता है ,तो वह आपका मित्र है और मित्र यदि आपको गलत रास्ते पर जाता है, तो आपका बैरी है

3.दोस्त कौन-दोस्त हमें अच्छे कार्य के लिए ज्यादा प्रेरणा नहीं देती,घुमने के लिए कहते हैं ,दोस्त गलत रास्ते पर ले जाने वाले होते हैं,मंदिर जाने के लिए कम कहते हैं, जो दोस्त मंदिर के लिए कहे ,वह मित्र है सगर चक्रवर्ती और साठ हजार पुत्रों की कहानी से यह समझाया।

4.वस्तु की स्वतंत्रता कभी भी कोई छिनेगा तो विरोधी होगा,कुछ विरोधी हम पाल लेते हैं,उनको हटाना मुश्किल होता है, एक विचारधारा है कि हमें पता नहीं कि कि यह संपत्ति हमारी है, अमीर आदमी,राजा के बच्चे ,अपने महल के सामने भीख मांगते हैं।

प्रवचन से शिक्षा-यदि कोई मित्र तुम्हें गलत मार्ग पर ले जा रहा है तो समझना यह मेरा मित्र नहीं,मेरे पूर्वजन्म का बैरि है।
सकंलन ब्र महावीर