अनूप मण्डल के अनुयायियों द्वारा की गई मुख्य आपराधिक कार्यवाही में कुछ की सूची #Ban_Anop_Mandal

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1. सन् 1920 में 1500 अनुयायियों ने सिरोही जिले के 28 ग्रामों में मुख्यतया पाडीव, जावाल, वरलूठ,
ऊंड, मंडवारिया, कालन्दी में जैन धार्मिक स्थल पर आक्रमण कर लूट-पाट की, साधुओं, जैन धर्मावलम्बियों के साथ मारपीट की। 65 नेतृत्व करने वालों को सजा हुई व साहित्य जप्त करने के आदेश हुए।

2. सन् 1954 में बाली तहसील के नाना बेड़ा क्षेत्र में जैन साधु पर प्राणघातक हमला कर उनके सिर
पर नारियल फोड़ा एवं घायल अवस्था में रास्ते पर डाल दिया।

3. सन् १९५० में नाणा राजस्थान में पू अनुयोगाचार्य श्री हीरमुनिजी म.सा. अनुप मंडल के २००० लोगो ने माथे और पैरों पर नारियल फोड़ कर सर्व प्रथम हमला किया था

4.1951-52 में सिरोही में धार्मिक स्थलों पर आक्रमण कर लूटपाट की गई एवं धर्मावलम्बियों को घायल किया गया।

5.सन् 1956 एवं सन् 1971 में पर्युषण पर्व के दौरान पिण्डवाड़ा में उपाश्रयों में तोड़-फोड़, लूट-पाट
एवं साधुओं पर हमला किया गया।

6. सन् 1975 में सुजानपुरा में मंदिर एवं उपाश्रय में तोड़-फोड़, गाली-गलौज व मारपीट की गई।
7. 25 अगस्त 1980 को सिरोही के कोलरगढ़ मंदिर में पूज्य रोहितविजयजी महाराज के ऊपर प्राणघातक हमला किया जिससे उनका स्वर्गवास हो गया। इस तीर्थ की समग्र सामग्री को आग लगा दी गई।

8.सन् 1983 में सिरोही के अनेक गांवों में मेले आयोजित कर जैन धर्म के विरुद्ध प्रतिबंधित पुस्तकों का प्रचार किया गया एवं जिसने भी विरोध किया उन पर प्राणघातक हमले किये व उपाश्रयों पर तोड़-फोड़ की।

9. 12 जून 1997 की रात्रि में भीमाणा में पूज्य गच्छाधिपति श्री जयघोषसूरीश्वरजी के शिष्यों पर प्राणघातक हमला किया गया।

10. 20 अगस्त 1999 को रोहिड़ा में पूज्य आचार्य पदमसूरीश्वरजी महाराज एवं उपाश्रय पर हमला हुआ।

11. 26 जुलाई 2012 को आहोर (जिला जालोर) में धर्मस्थल पर विराजमान धर्माचार्यों के साथ गाली-गलौज एवं अभद्र व्यवहार किया। आचार्य भगवतंत अभयदेवसूरीश्वरजी वर्ष 2012 में श्री पारसवाड़ी जैन उपाश्रय में आहोर में चातुर्मास में विराजमान थे। दिनांक 26.07.2012 को सायंकाल अनूप मण्डल के काफी सदस्य जीपों में भरकर आहोर में आए, तथा गुरु भगवंत तथा अन्य साधु-संतों को गाली-गलौज कर अभद्र व्यवहार किया।

इस पर विमलनाथ जैन पेटी के अध्यक्ष श्री हस्तीमलजी द्वारा पुलिस थाना आहोर में एक प्राथमिकी अनूप मण्डल के सदस्यों के विरुद्ध दर्ज करवाई। थानाधिकारी, पुलिस थाना आहोर ने कार्यवाही करते हुए 12 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। तदोपरान्त अनूप मण्डल के करीब 300 लोगों ने प्रदर्शन कर जुलूस निकाला तथा जैन समाज के विरुद्ध अभद्र नारेबाजी की तथा अनर्गल भाषा का प्रयोग किया। जैन समाज के लोगों ने जगह-जगह शहर व कस्बों में प्रदर्शन कर राज्य सरकार तथा प्रशासनिक अधिकारियों से अनूप मण्डल के लोगों के विरुद्ध आहोर प्रकरण के दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही हेतु निवेदन किया। राजस्थान जैन संघ सिरोही के अध्यक्ष श्री सुरेशचन्द्रजी सुराणा तथा अन्य पदाधिकारियों ने पूर्ण सहयोग किया जो सराहनीय है। दिनांक 26.07.2012 को जिन लोगों ने अभद्र व्यवहार किया तथा धार्मिक विद्वेष फैलाने की कोशिश की उनके विरुद्ध मुकदमा विचाराधीन है।

11. 12 दिसम्बर 2012 को नारलाई (जिला पाली) में भगवान श्री नेमीनाथ की प्राचीन मूर्ति को धड़ से अलग कर दिया गया।

उपरोक्त जानकारी सोशल मीडिया से प्राप्त की गई है, इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि चैनल महालक्ष्मी नहीं करता, कुछ जानकारी मिले तो अवश्य बताये, जिस से ठीक किया जा सके