जैन गौरव, 99 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी, धन्य कुमार जैन का वाराणसी में गत शनिवार 17 अप्रैल को सुबह निधन हो गया। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वाराणसी जिला जेल में कैदियों की सफेद पोशाक फाड़ कर, आम के पत्ते से हरा व खपरेल से भगवा रंग बनाकर, पेड़ पर तिरंगा फहरा दिया था।
पिछले 1 सप्ताह से उन्हें सांस में लेने दिक्कत थी, शुक्रवार को ऑक्सीजन लेवल कम होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली । उन्हें भदैनी स्थित आवास पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। आपका जन्म मध्य प्रदेश के सागर जिले के खेराई गांव में हुआ था ।
फिर आप प्राथमिक शिक्षा के बाद, बनारस आ गए, जब यहां पर अगस्त क्रांति का दौर चल रहा था। अंग्रेजों ने तब अखबारों पर रोक लगा दी थी, तब आपने मुल्तानी मिट्टी गूंथकर पैड बनाया और अंग्रेजों के जुल्मों के खिलाफ लिखकर पर्चे बांटे। इस दौरान आप गोडोलिया के सिनेमा हॉल के पास पकड़ लिए गए और जेल भी गए थे। सांध्य महालक्ष्मी व चैनल महालक्ष्मी हार्दिक विन्यांजलि अर्पित करता है।