कल 11 अप्रैल दिन- रविवार,वीर निर्वाण संवत 2547 चैत्र कृष्ण अमावस्या शुभ तिथि को जैनधर्म के 14वें और 18वें सम्मेदशिखरजी से निर्वाण को प्राप्त तीर्थंकर देवाधिदेव तीर्थंकर श्री 1008 श्री अनंतनाथ भगवान एवं तीर्थंकर श्री 1008 अरहनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक पर्व है।
अत्यंत भक्ति-भाव से तीर्थंकर श्री अनंतनाथ भगवान एवं तीर्थंकर श्री अरहनाथ भगवान की पूजन करें व अपने भी कल्याण की भावना के साथ तीर्थंकर श्री अनंतनाथ जी एवं तीर्थंकर श्री अरहनाथ जी के श्री चरणों में निर्वाण लाडू समर्पित करें।
तीर्थंकर श्री अनंतनाथ जी एवं तीर्थंकर श्री अरहनाथ जी इस वर्तमान युग के क्रम से 14वें और 18वें तीर्थंकर हैं अतः हम सभी धर्मावलम्बियों को अत्यंत ही प्रभावना के साथ भगवान का मोक्ष कल्याणक पर्व मनाना चाहिए।
इस विशेष शुभ अवसर पर संयमित दिन बिताने का प्रयास करना चाहिए।
तीर्थंकर श्री अनंतनाथ जी एवं तीर्थंकर श्री अरहनाथ जी हमारे लिए पुरुषार्थ जागृति के प्रेरणा स्थान बने, हम भी उन्होंने अपनाए मार्ग का अवलंबन लेकर हमारा जीवन सफल बनाए ऐसी निरंतर भावना भाए।यही हो उनके मोक्ष कल्याणक मनाने का फल।
तीर्थंकर श्री 1008 श्री अनंतनाथ भगवान एवं तीर्थंकर श्री 1008 अरहनाथ भगवान की जय
मोक्ष कल्याणक महापर्व की जय