तीर्थंकर श्री ऋषभनाथ व ब्रह्मा

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सान्ध्य महालक्ष्मी / 05 अप्रैल 2021
लोक में ब्रह्मा के नाम से जो प्रसिद्ध देव हैं, वह जैन परम्परानुसार तीर्थंकर श्री ऋषभनाथजी को छोड़, अन्य कोई नहीं है। ब्रह्मा के अन्य अनेक नाम जो अत्यन्त प्रसिद्ध हैं – हिरण्यगर्भ, प्रजापति, लोकेश, नाभिज, चतुरानन, सृष्टा, स्वयम्भू।
हिरण्यगर्भ – जब भगवान माता मरुदेवी के गर्भ में आये थे, उसके छह माह पहले से ही अयोध्या नगर में हिरण्य-सुवर्ण तथा रत्नों की वर्षा होने लगी थी, इसलिये आपका हिरण्यगर्भ नाम सार्थक है।
प्रजापति – कल्पवृक्षों के नष्ट हो जाने के बाद असि, मसि, कृषि आदि छह कर्मों का उपदेश देकर आपने ही प्रजा की रक्षा की थी, इसलिये प्रजापति कहलाये।
लोकेश – समस्त लोक के स्वामी, इसीलिए लोकेश कहलाए।
नाभिज – नाभिराज नामक 14वें मनु से उत्पन्न हुए, इसीलिए नाभिज कहलाये।
चतुरानन – समवसरण में चारों ओर से आपका दर्शन होता था, इसलिए चतुरानन कहलाए जाते हैं।
सृष्टा – भोगभूमि नष्ट होने के बाद, देश, नगर आदि का विभाग, राजा, प्रजा, गुरु शिष्य आदि का व्यवहार, विवाह प्रथा आदि के आप आद्य प्रवर्तक थे, इसलिए सृष्टा कहलाये जाते हैं।
स्वयंभू – दर्शन विशुद्धि आदि भावनाओं से आपने आत्मा के गुणों का विकास कर स्वयं ही आद्य तीर्थंकर हुए थे, इसलिये स्वयंभू कहलाते हैं।