सान्ध्य महालक्ष्मी / 02 अप्रैल 2021
अष्टाह्निका पर्व महापर्व कहलाता है, यह पर्व अनादिनिधन पर्व है। इस पर्व में आठ दिन के लिये सिद्धचक्र विधान करते हैं। यह विधान करने से रोग – शोक – संकट – भय आदि दूर हो जाते हैं एवं शांति समृद्धि तुष्ठि पुष्ठि धन वैभव की प्राप्ति होती है। यह विधान मैना सुंदरी ने अपने पति का कुष्ठ रोग दूर करने के लिये गुरु से पूछा था, तब गुरु ने कहा सिद्धचक्र विधान करो, इससे कुष्ठ रोग दूर होकर कामदेव के रूप समान रूप प्राप्त हो जाएगा। मैना सुन्दरी ने श्रद्धा भक्ति पूर्वक पाठ आठ दिन में किया और भगवान का अभिषेक कर के गन्धोदक पति सहति सात सौ कुष्ठ रोगियों पर छिड़का उससे सभी के रोग दूर हो गये।
अत: हम भी श्रद्धापूर्वक सिद्धचक्र विधान करें, तो हमारे भी सभी रोगादि दूर हो जाते हैं। इस पाठ के करने से मन में अति शांति प्राप्त होती है और सभी संकटों से बच जाते हैं। लालमंदिर दिल्ली चांदनी चौक में गणिनी आर्यिका 105 श्री चन्द्रमती माताजी एवं आर्यिका दक्षमती माताजी ससंघ सान्निध्य एवं प्रेरणा से सैकड़ों जोड़ों के साथ भक्ति रंग में रमते हुये सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन 21 से 28 मार्च तक सम्पन्न हुआ। विधान के पश्चात् विश्व शांति एवं कोरोना रोग महाशांति के लिये हवन आहुति के साथ सभी कार्य सम्पन्न हुये। (पुनीत जैन, मैनेजर)