सबसे बड़ी मार अहसान की होती है, उपकार किया है तो उसको भूल जाओ : आचार्य विशुद्ध सागर जी

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*भाई ध्यान रखना जीवन मे,अहसान किसी का मत लेना ,जगत में सबसे बड़ी मार होती है अहसान की होती है*
*मेने ऐसा किया था अहसान जो है व्यक्ति को मानसिक कष्ट देता है*
किसी का उपकार किया है तो उसको भूल जाओ उसको याद दिलाने मत जाओ ,
*महावीर जयंती के दिन पहुच जाते है , 50 पत्रकारों को लेके फ़ोटो खींचो ओर पेपर में उसकी पूरी इज्जत छपवा दी है और कह रहा है दान कर रहा है*
*सहयोग करना है तो ऐसा करो ,जैसे किसान मुट्टी में बीज लेके जमीन में डाल देता उसको देखता नही ,समय आता है तो बाले आकाश में चमकती है*
*जिनको सहयोग किया है उनका धर्म बनता है अहसान मानो*
:- आचार्य रत्न विशुद्ध सागर जी महाराज