भारत में रहने वाली जैन समाज की 2 नन्ही बालिकाओं की अपील- PM अंकल हमारे पापा से हमें और हमारी मम्मी को मिला दो

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37 वर्षीय विपुल जैन की  3 वर्षीय एवं 7 वर्षीय बेटी और गुडगाँव रहने वाली पत्नी सुरभि जैन सहित परिजनों ने भारत सरकार से गुहार की है कि उनके 37 वर्षीय पिता विपुल जैन मालदीव में निजी कम्पनी ओरेडू में जॉब करते थे उनकी पत्नी और दोनों बेटियां भारत में रहती है। 20 फरवरी को विपुल जैन मालदीव में समुद्र में गिरने से घायल हो गए थे उसके बाद से ही वहीं के अस्पताल में कोमा में उपचाररत है। मालदीव स्थित भारतीय उच्चायुक्त ने ऐम्म्स दिल्ली को आपातकाल प्रवेश के लिए 4 मार्च को पत्र लिखा था। विपुल जैन को संभालने उनके वृद्ध श्वसुर और अन्य करीबी टूरिस्ट वीजा पर मालदीव तो पहुँच गए हैं लेकिन तकनीकी कारणों से विपुल जैन भारत नही आ पा रहें हैं।

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भारत सरकार द्वारा ऐम्म्स आदि अन्य बड़े सरकारी अस्पताल की ओर से मालदीव सरकार के पास यदि पत्र पहुँच जाये कि भारतीय मूल के विपुल जैन को आपातकालीन स्थिति में गहन चिकित्सा इकाई में प्रवेश दे दिया जायेगा तो परिजन आई सी यू युक्त कॉमर्शियल फ्लाइट से निजी खर्च पर भारत लाने को तैयार है। उधर मालदीव के वरिष्ठ चिकित्सकों का भी कहना है कि चिकित्सा के क्षेत्र में भारत काफी अग्रणी है समय समय पर हम भी भारत की मदद मांगते हैं।

विपुल जैन के परिजनों ने बिरला पर भरोसा जताकर अपने नजदीकी कोटा निवासी सकल दिगम्बर जैन समाज के प्रशासनिक मंत्री राकेश जैन मड़िया एवं रिश्तेदार वीरेंद्र जैन  से कहा कि हम अपने बेटे को देखना चाहते हैं किंतु कानूनी अड़चन और बाधाएं भारत सरकार दूर कर हमें बुढ़ापे में हमारे बेटे से मिला दे।

विपुल जैन का वीजा वर्क वीजा है।जबकि परिजनों का टूरिस्ट वीजा है।

कृपया सभी प्रार्थना करें कि घायल विपुल जैन के वृद्ध माता पिता,पत्नी और छोटी बेटियों को एक बार घायल विपुल जैन से मिलने का अवसर मिल जाये।

–  मनोज जैन अदिनाथ