जन गणना शीघ्र प्रारम्भ हो रही है। अभी नहीं जागे, तो 10 वर्ष तक मौका नहीं मिलेगा।
1 अप्रैल: – नई दिल्ली (NDMC क्षेत्र), पश्चिम बंगाल, असम, A & N द्वीप, गोवा, मेघालय
7 अप्रैल: – केरल, लक्षद्वीप, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम
15 अप्रैल: – कर्नाटक, अरुणाचल, चंडीगढ़
21 अप्रैल: – गुजरात, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव
26 अप्रैल: – त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश
1 मई: – हरियाणा, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पंजाब, उत्तरांचल, महाराष्ट्र
7 मई: – मध्य प्रदेश
15 मई: – जम्मू-कश्मीर मणिपुर, मिजोरम, राजस्थान, उत्तर प्रदेश
1 जून: – तमिलनाडु, पुडुचेरी, हिमाचल प्रदेश (गैर समकालिक), नागालैंड
अंतिम रूप नहीं दिया गया: – बिहार, झारखंड
सभी जैनों के लिए इस अवसर पर 2 बातों का विशेष ध्यान रखना है।
- धर्म का coloum :-
सिर्फ जैन (न दिगम्बर, न श्वेताम्बर और न ही कुछ और)
- भाषा का coloum :-
अपनी प्रादेशिक भाषाओं (हिन्दी आदि) के साथ धार्मिक भाषा प्राकृत भी लिखें।
विशेष- भारत सरकार और अन्य प्रादेशिक सरकारें जनसंख्या के आधार पर ही अनेक लाभकारी योजनाओं का निर्माण करती हैं। लोकतंत्र में जैन संस्कृति का संरक्षण चाहते हैं, तो अभी से जागरूक होना पड़ेगा।