फाल्गुन कृष्ण सप्तमी (5 मार्च): चन्दप्रभु भगवान के ज्ञान कल्याणक : नागवृक्ष के नीचे केवलज्ञान की प्राप्ति

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5 मार्च दिन शुक्रवार तीर्थंकर चन्द्रप्रभु  जी का है ज्ञान कल्याणक ,चन्द्रपुरी में हुआ था | आज के ही दिन संध्या के समय अनुराधा नक्षत्र में नागवृक्ष के नीचे केवलज्ञान की प्राप्ति हुई थी |

चन्दप्रभु भगवान के ज्ञान कल्याणक के पावन पुनीत अवसर पर सामान्य परिचय

अष्टम तीर्थंकर

नाम – चन्द्रप्रभ जी

कहां से आये – वैजयन्त विमान

जन्म भूमि – चन्द्रपुरी (बनारस)

वंश – उग्र वंश

पिता –  महासेन (महश्रेणी)

माता – लक्षमणा (सुलक्षणा)

गर्भ तिथि – चैत्र कृष्णा 5

जन्म तिथि –  पौष कृष्णा 11

चिन्ह – चन्द्रमा

शरीर वर्ण – कुन्द पुष्प के समान शुभ्र वर्ण (सफेद)

शरीर की ऊंचाई – 150 धनुष

केवली काल  – 24 पूर्वांग +   3 माह कम – 1 लाख पूर्व वर्ष

वैराग्य निमित्त – बिजली का चमकना देखना

दीक्षित राजा – एक हजार

योग निरोध – 1 मास पहले

समोशरण विस्तार – साढे आठ योजन

कुल गणधर – 93

मुख्य गणधर – दत्त (वैदर्भ)

मुख्य गणिनी – वरुण श्री

मोक्ष तिथि – फाल्गुन कृष्ण 7

मोक्ष स्थान – सम्मेदशिखर (ललित कूट)

बाल ब्रम्हचारी राजेश “चैतन्य” अहमदाबाद