भगवान के जन्म के समय स्वर्ग में देवों को यह सूचना कैसे मिलती है कि मध्यलोक में तीर्थंकर का जन्म हो गया है। पद्मपुराण के पर्व 3 में आदिनाथ के जन्म का वर्णन करते समय बताया गया है कि किस देव के द्वारा जन्म की कैसे सूचना मिलती है।
तो चलो जानते हैं –
सौधर्म इन्द्र का आसन कम्पित होता है। भवनवासी देवो के यहां पर अपने आप शंख बजने लगते हैं। व्यन्तरों के यहां पर भेरियाँ अपने आप बजने लगती हैं। ज्योतिषी देवों के यहां पर अपने आप सिंह की गर्जना होने लगती है। कल्पवासी देवो के यहां पर अपने आप घंटे बजने लगते हैं। यह सब होने पर देवता अवधिज्ञान से पता करते हैं कि यह क्या और क्यों हो रहा है। तब पता चलता है कि मध्यलोक में तीर्थंकर बालक का जन्म हुआ है।
ध्यान रखना यह प्रक्रिया सभी 24 तीर्थंकरों के जन्म के समय होती हैं