जन्म-तप कल्याणकों की शुरूआत, 15 फरवरी को तीर्थंकर श्री विमलनाथ जी के साथ

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सबसे ज्यादा जन्म-तप कल्याणक वाला पखवाड़ा -माघ शुक्ल – 4 तीर्थंकरों का जन्म और तप कल्याणक, केवल इसी पखवाड़े में आता है। और शुरुआत हो रही है सोमवार 15 फरवरी को, यानी माघ शुक्ल चतुर्थी से, जब कंपिल नगरी में महारानी श्रीमती जयश्यामा के गर्भ से तीर्थंकर श्री विमलनाथ जी का जन्म हुआ । आपकी आयु साठ लाख वर्ष थी और कद साठ धनुष रहा।

फिर 1500000 वर्ष कुमार काल और 3000000 वर्ष  राज करने के बाद, एक दिन सूर्योदय की किरण से ओस की बूंदों का नाश देखकर, वैराग्य बलवती हो गया।

फिर माघ शुक्ल चतुर्थी को ही कंपिल नगर के सहेटुक वन में जामुन वृक्ष के नीचे तप धारण किया और 1000 राजाओं ने भी आपके साथ दीक्षा ली। आपने 3 वर्ष तक किया और फिर माघ शुक्ल षष्ठी, यानी 17 फरवरी को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई।