चंवलेश्वर पार्श्वनाथ 800 वर्ष से अधिक पुराने राजस्थान के सबसे पुराने अतिशय क्षेत्र के लिए 35 श्रद्धालु भूमि दान करेंगे

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चंवलेश्वर, श्री चंवलेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ को अंर्तराष्ट्रीय तीर्थ एवं पयर्टन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। काछोला के पास पहाड़ पर स्थित तीर्थ क्षेत्र के नीचे निजी जमीन खरीद कर संतशाला, अतिथि गृह, भोजनशाला एवं नवीन मंदिर का निर्माण किया जाएगा।
तीर्थ क्षेत्र कमेटी के निदेशक सुभाष हुमड़ ने बताया कि इसके लिए कमेटी के साथ मेवाड़ क्षेत्र के हजारों श्रावकाें ने बिजौलिया पहुंचकर मुनि श्री सुधासागर जी महाराज से आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर सुधासागर जी महाराज ने कहा कि चंवलेश्वर पार्श्वनाथ 800 वर्ष से अधिक पुराने राजस्थान के सबसे पुराने अतिशय क्षेत्र में से है। शास्त्रों के अनुसार यहां पार्श्वनाथ भगवान का समोसरण आया था। उन्हाेंने समाजजनों से विकास के लिए निजी जमीन के लिए भूदान करने का आह्वान किया। अब तक 35 व्यक्तियों ने 1-1 बीघा भूमि दान देने की घोषणा की है, जिसमें भीलवाडा के मनोरमा शाह, घीसालाल झांझरी, मीना हुमड़, बालचंद शाह, निर्मल लुहाडिया, नन्दलाल कोठारी, महावीर पोद्दार, महुंआ के शांतिलाल अजमेरा, खजूरी के महावीर बाकलीवाल, पारोली के महेंद्र कासलीवाल, बागूदार के संतोष गोधा, महुंआ के चान्दमल अजमेरा, बागूदार के कैलाश गोधा, जामोली के देवीलाल बडजात्या, कोटा, दमोह, दिल्ली, इन्दौर, मुंबई, देहरादून, आसाम, कन्नौज, रामगंज मंडी जयपुर एवं सिंगापुर के श्रावकों ने भूमि दान देने की घोषणा की है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी