प्रभु दर्शन की अनुपम झलक-चांदखेड़ी के आदिनाथ प्रभु में अतुलनीय ऊर्जा का भंडार

0
2602

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनिवर श्री अभयसागर जी ससंघ का दीक्षा के बाद प्रथम बार चांदखेड़ी की धरा पर प्रवेश हुआ।
इस मंगल अवसर पर मुनिवर श्री अभयसागर जी आदिनाथ प्रभु को लखकर गदगद हो गए। पूज्यवर मुनि श्री सुधासागर जी के मुख से सुना था कि चांदखेड़ी के आदिनाथ प्रभु में अतुलनीय ऊर्जा का भंडार है।कुछ ही अनुभूति की झलक यहाँ दिखलाई पड़ती है।ऐसा जान पड़ता है कि प्रभु दर्श से पूज्यवर का रोम रोम पुलकित हो गया हो।प्रभु दर्शन के ऐसे दृश्य अति दुर्लभ है।
भावना करते है हम कि हम सभी को इसी तरह प्रभु,गुरु और तीर्थ क्षेत्र की वंदना एक साथ करने को मिलती रहें।