पश्चिमी महाराष्ट्र के सिंधूदुर्ग ज़िले में जैन तीर्थंकर शिव बना दिए गए हैं और जैन शैव

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पश्चिमी महाराष्ट्र के सिंधूदुर्ग ज़िले में एक समय जैन बहुसंख्यक थे, पेशवाओं के काल में जैनो पर अत्याचार करके उनको शूद्र घोषित करवा दिया उन्हें जबरन शैव या वैष्णव बना दिया,और जैन मंदिरों को शिवालय। यह मूर्ति एक प्राचीन जैन मंदिर में थी जब जैन जैन नहीं रहे तो तीर्थंकर भी तीर्थंकर ना बचे।
इसलिए कहते हैं आंखों की देखी पर विश्वास कीजिए कागज की देखी पर नहीं,इस देश में जैन-धर्म के अनुयायी आज के 500 साल पहले 5 करोड़ थे और आज 50 लाख है