अगले जन्म में विदेह क्षैत्र,समोवशरण में साक्षात भगवान के दर्शन मिलगे, आपने यह सब कुछ कमा लिए, फिर डरो मत मरने से,तैयारी करो मरने की : मुनिपुंगव श्री सुधासागर

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निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
किसी भी वस्तु का पूर्ण भोग करना दरिद्रता की निशानी है

1.मरने से मत डरो-हमें निर्भय नहीं हो पा रहे हैं ,डरे हुए हैं खुद के घर में अंधेरे में डर हैं, डर से रहित कैसे हो, मरने से क्यों डर रहे हो या ये सब आगे नहीं मिलेंगे कि नहीं मिलेगा कि नहीं, यदि हम को यहां बड़े भगवान क्षेत्र व गुरु छूट जाएंगे, तुमने यह सब किये जिससे तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि यह सोचो कि अगले जन्म में विदेह क्षैत्र,समोवशरण में साक्षात भगवान के दर्शन मिलगे, आपने यह सब कुछ कमा लिए, फिर डरो मत मरने से,तैयारी करो मरने की।
2.वाहन का त्याग-वर्ष में 52 दिन उपवास करने पर, वे किसान के बीज भी तरह फलेगे,वर्ष में 52 दिन वाहन का त्याग किया करेगा तो वह बीज भविष्य में विमान मे जन्म दिलाएगा। पुरे 24 घंटे में मात्र 5 मिनट भगवान को याद किया तो संपूर्ण भय छूट जायेगा।
3.स्वयं का सुख-अपने आत्मा का सुख स्वयं नहीं भोग पा रहे ,हो स्वयं की संपत्ति ही हमें दूख दे रही है, हम अपने मन से परेशान है, तुम अपने मालिक हो ,फिर भी अपने से परेशान हैं ,दुनिया में भटके होते तो ठोर ठिकाना लगा देते ,आप तो स्वयं के घर में भटके हो।
4.जो जो मेरे भरोसे उनका पेट भरुंगा, फिर भोग करूंगा ,बड़े छोटे के आश्रित होते हैं ,जितने जितने बड़े होते जाते हैं, उतने ही छोटे के आश्रित होते जाते हैं
शिक्षा-मरने से मत डरो जहां मर कर जाएंगे वहां यहां से भी अच्छा मिलेगा।
सकंलन ब्र महावीर