ईसवी संवत से 518 वर्ष पूर्व काम्यकवन (कामवन) में राजा कामसेन का राज था, यह दिल्ली के गांवों में आता था। आदिनाथ मन्दिर में टैंक की खुदाई में मिल रही है, प्रतिमाएं या प्रतीक चिन्ह इस बात का द्योतक है कि उस समय यह नगरी जैनत्व का स्वर्णिम काल रही होगी, अभी-अभी प्राप्त एक और प्रतिमा का विशेष इस बात को सिद्ध कर रही है। आवश्यकता है अधिक खोज करवाने की,और मिल रही सम्पदा को सुरक्षित रख इतिहास को सहजने की।
महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान में क्या ‘महावीर स्वामी दिगम्बर स्वरूप में नहीं...
॰ दिगम्बर जैन समाज ने मानो कर लीं आंखें बंद
॰ आचार्य श्री सुनील सागरजी ने राजस्थान उपमुख्यमंत्री को कहा
और चैनल महालक्ष्मी ने सौंपा ज्ञापन
30अक्टूबर...