सरकार के नियम-कानून को समझ कर आगे बढ़ना होगा – मेयर ॰ गुजरात एक मॉडल स्टेट है, जहां दोनों सम्प्रदाय साथ-साथ ॰ तीर्थों के कागजात पूरे करना – एक बड़ा चैलेंज

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23 दिसंबर 2024/ पौष कृष्ण अष्टमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
चार सिद्ध क्षेत्रों – गिरनार, पालीताणा, पावागढ़ और तारंगा के राज्य में भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के गुजरात अंचल की 01 दिसंबर 2024 को अहमदाबाद में शपथ ग्रहण समारोह हुआ। इस अवसर पर अहमदाबाद की मेयर सुश्री प्रतिभा जैन ने कहा कि हम सभी को तीर्थक्षेत्रों की रक्षा करना, उत्थान करना परम कर्तव्य है।

जब हम एक होकर रहेंगे, तब हमारे धर्म-तीर्थ – समाज की सुरक्षा रहेगी। सरकार के नियम कानून को समझकर ही आगे बढ़ना होगा। उन नियम-कानूनों के आगे हम कुछ नहीं कर सकते, वो नियम हमारी सुरक्षा के लिये हैं। सबका साथ – सबका विकास के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र – सबका विश्वास, सबका प्रयास और वसुदैव कुटुम्बकम के साथ भगवान महावीर के पांच सिद्धांतों – अहिंसा, सत्य, शौच, शील, अपरिग्रह के साथ हम आगे बढ़ेंगे।

भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन जी ने कहा कि तीर्थों पर आप लोग यात्रा करने जाते हैं या पिकनिक मनाने? वहां होटल, मंदिर, भोजनशाला में, दान कहां देते हैं? ध्यान रखिये सम्मेद शिखरजी पर जो दान तलहटी के मंदिरों में आता है, वो पावन पर्वत के लिये नहीं आता। 125 साल पुरानी इस संस्था के आप सदस्य बनिये, वही रीढ़ की हड्डी है। आज संतवाद-पंथवाद, हमारी एकता के लिए खतरा है। हमारा समाज बंट गया है। अगर साधु-संत एक मंच पर बैठें, तो एकता संभव है।

अंचल के शिरोमणि संरक्षक सौभाग्यमल कटारिया जी ने कहा कि गिरनार के कारण गुजरात बहुत महत्व रखता है। हर मंदिर को तीर्थक्षेत्र कमेटी से जुड़ना होगा। गुजरात एक रिकॉर्ड बनायेगा। जिस तरह आनंद जी कल्याण जी पेढ़ी को गुजरात ने मजबूत किया है, उसी तरह हम सबको तीर्थक्षेत्र कमेटी को मजबूत करना होगा।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय जैन जी ने कहा कि तीर्थों की गुजरात में स्थिति अच्छी है, पर बाहर नहीं है। आज सबसे बड़ा चैलेंज- मंदिर तीर्थों के अधूरे कागजात हैं। आज दातार दान देता है, पर कार्यकर्ता कहां है? युवाओं को जोड़ना होगा। 30 सालों में शिखरजी की स्थिति में कितना सुविधामय परिवर्तन किया है तीर्थक्षेत्र कमेटी ने। तीर्थों के आसपास रहने वाले अजैनों के लिये भी कल्याण कार्य करने होंगे, उनसे जुड़ें, तभी तीर्थ सुरक्षित रहेंगे। पड़ोसी ही सुरक्षा करेगा। शिखरजी के आसपास 40 स्कूल हैं, हर में औसतन 250 बच्चे और दो सरकारी टीचर हैं, वहां हमने 50 अध्यापक और उपलब्ध कराये हैं। वहां आदिवासी बच्चे ही पढ़ते हैं। आज आप अपनी संख्या नहीं बढ़ा सकते, तो दिमाग तो बढ़ा सकते है। आईएएस, आई आर एस बनाइये।

श्वेताम्बर मूर्तिपूजक आनंद जी कल्याणजी पेढ़ी के ट्रस्टी श्रीपाल भाई ने कहा कि जो संदेश महावीर स्वामी ने दिया, उन्हीं के द्वारा, साथ ही मोदी जी के शांति-विकास के संदेश के साथ, आज पूरे विश्व को कोई संदेश दे सकता है, वो केवल जैन धर्म दे सकता है। दूसरे जो भी प्रश्न हैं, उनका हल ‘सबका विश्वास, सबका प्रयास’ से हो सकता है।

गुजरात अंचल के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री पारस जैन बज ने कहा कि अहमदाबाद के सभी मंदिरों में गुजरात के सभी सिद्ध व अतिशय क्षेत्रों के चित्र लगाये जायेंगे, जिससे सब उन्हें जानकर वहां की तीर्थयात्रा कर सकें। आज धार्मिक उन्माद बढ़ रहा है, गिरनार सहित हमारे तीर्थों पर आक्रमण हो रहे हैं। आज तीर्थक्षेत्र कमेटी तीर्थों के कोर्ट केसों में ही पूरा समय लगा रही है। तीर्थक्षेत्र कमेटी का रोडमेप बने और पदाधिकारियों के नाम हो, साथ ही गूगल का क्यू आर कोड हो। इस वर्ष गिरनार पर लाडू कार्यक्रम का तीर्थक्षेत्र कमेटी ने चैनल महालक्ष्मी के साथ अल्पसंख्यक आयोग से अच्छा प्रयास तो किया, वह सफल नहीं हुआ, पर उसके चलते वहां यात्रियों की संख्या तीन गुनी हो गई। दर्शन आराम से हो रहे हैं। अफसोस है कि 1914, 1932, 1950 और 1992 में दत्तात्रेय के पंजीकरण के समय नोटिफिकेशन जारी करने से पहले आॅब्जेक्शन मांगे गये, तो कोई संस्था विरोध करने आगे नहीं आई।

उ.प्र.-उत्तराखंड अंचल के अध्यक्ष श्री जवाहरलाल जैन ने तीर्थक्षेत्र कमेटी के 125वें स्थापना वर्ष की कार्ययोजना रखी और उसमें गुजरात को प्रमुख भूमिका निभाने की अपील की।

चैनल महालक्ष्मी ने अंचल कार्यकारिणी को शपथ दिलाई तथा कहा कि गुजरात देश का ऐसा मॉडल है जहां दिगंबर-श्वेताम्बर में कोई भेद नहीं, कोई लड़ाई नहीं और आज इसका प्रमाण देखने को मिला जब तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष बाबू जम्बू प्रसाद जैन और आनंद जी कल्याण पेढ़ी के ट्रस्टी श्रीपाल जी साथ-साथ बैठे और चर्चा की। आशा की जानी चाहिए, दोनों के बीच इसी तरह सौहार्दपूर्ण आपसी बातचीत से समन्वय बना कर शिखरजी विवाद का, समाज हित में कोई समझौता हो जाये।

सभा में कई सवाल उठाये गये, उनका समाधान दिया।
अंचल महामंत्री ऋषभ जैन द्वारा मंच संचालन बखूबी किया गया। इस अंचल में लगभग हर तीर्थ की कार्यकारिणी में जोड़ा गया है और लगभग सभी तीर्थों के पदाधिकारी समारोह में उपस्थित थे।