17 दिसंबर 2024/ पौष कृष्ण दौज /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
सोमवार 16 दिसम्बर 2024 को प्रश्नकाल के दौरान दूसरे बड़े सिद्धक्षेत्र गिरनारजी पर जैनों से हो रहे अन्याय व पूजा आदि के अधिकार से वंचित करने का तथा जैन आयोग का मामला संसद में कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंहजी ने उठाया। यह तो आप सभी लगभग जानते होंगे , पर इस आवाज उठाने के पीछे श्रेय किसको जाता है, वह आप में से अधिकांश नहीं जानते होंगे । पर पहले बताते हैं कि कम समय मिलने के बावजूद सांसद महोदय ने क्या कहा?
सांसद महोदय ने मांग रखी कि जैन समाज के धर्म तीर्थ, संस्कृति को सुरक्षित करने के लिये जैन आयोग की स्थापना की जाये। उन्होंने कहा कि जैन अति अल्पसंख्यक समाज है और इसका राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान रहा है। जैन अनुयायियों पर किसी न किसी रूप में प्रहार किया जाता रहा है। गिरनार पर्वत की 5वीं टोंक 22वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ की मोक्षस्थली है, उनके मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लाडू नहीं चढ़ाने दिया, न ही अर्घ्य चढ़ाने दिया।
यह आवाज उठी जब भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन की अगुवाई में चैनल महालक्ष्मी तथा विश्व श्रमण संस्कृति संघ के सुदीप जैन, अक्षय जैन आदि के प्रतिनिधि मंडल ने 23 जुलाई को उनसे भेंट की थी। उन्होंने गिरनार के घटनाक्रम व जैन आयोग की आवश्यकता की जानकारी प्राप्त कर, इसे गंभीर बताया तथा आश्वासन दिया कि इस बात को जरूर संसद में उठायेंगे।
ध्यान रहे, तीर्थक्षेत्र कमेटी अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन, उ.प्र.-उत्तरांचल अंचल अध्यक्ष जवाहरलाल जैन के साथ चैनल महालक्ष्मी विभिन्न सांसदों, प्रशासनिक अधिकारियों, सरकारी विभागों के प्रमुखों के पास जैन तीर्थों को सुरक्षा के लिये लगातार अपनी बात पहुंचा रहा है।