॰ युवाओं, महिलाओं, उद्यमियों, पत्रकारों, विद्वानों का आह्वान
॰ 22 अक्टूबर 2026 से 22 अक्टूबर 2027 तक मनाया जाएगा तीर्थ संरक्षण महोत्सव
॰ शुरूआत स्थापना स्थल मधुरा चौरासी से और समापन अनादिनिधन तीर्थ श्री सम्मेदशिखरजी पर
॰ श्री महावीरजी कमेटी ने दिया एक करोड़ का सहयोग
12 नवंबर 2024/ कार्तिक शुक्ल एकादिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
मंगलवार, 05 नवम्बर को गुलाबी नगरी जयपुर की भट्टारक जी नसियां में भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राजस्थान अंचल की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू जम्बू प्रसाद जैन जी और 125वां स्थापना वर्ष कमेटी के अध्यक्ष जवाहर लाल जैन की अगुवाई में शतकोत्तर रजत स्थापना वर्ष को 22 अक्टूबर 2026 से 22 अक्टूबर 2027 तक मनाने की विधिवत घोषणा की।
देर शाम को अंचल बैठक में घोषणा से पूर्व दिल्ली बैठक के बाद उस दिन सुबह भी प्रमुख पदाधिकारियों की गंभीर चर्चा हुई। तीर्थों की सुरक्षा व संरक्षण की दिशा में तथा तीर्थक्षेत्र कमेटी का हर रूप में मजबूत करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण पहल होगी।
400 से 4000 मंदिर-तीर्थों को जोड़ना
फिलहाल 400 के लगभग तीर्थ जुड़े हैं तीर्थक्षेत्र कमेटी से, अब हर मंदिर-तीर्थ जुड़े, जिससे एक होकर कभी कहीं अतिक्रमण, लूटमार, तोड़फोड़ आदि पर विराम लगाने के लिये यह महत्वपूर्ण कदम होगा।
हर घर जुड़े तीर्थ संरक्षण की भावना के साथ
तीर्थक्षेत्र कमेटी ने हर घर में तीर्थ रक्षक गुल्लक रखने की योजना बनाई है। हर जैन एक रुपया रोज तीर्थ सुरक्षा के लिये निकाले और अपने किसी प्रमुख दिवस पर वह तीर्थक्षेत्र कमेटी को जमा करा दे। उसका यह दान, एक नहीं, फिलहाल 400 से ज्यादा तीर्थों के लिये दान के रूप में पुण्यार्जन का धर्मलाभ देगा। शुरू में ये घर-घर की गुल्लक, मंदिरों के माध्यम से या किसी बड़े धार्मिक समारोहों के माध्यम से पहुंचाने की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस योजना से छोटे बच्चों से युवा, वृद्धों में भी तीर्थ सुरक्षा की भावना जागृत हो सकेगी।
मंदिर-मंदिर तीर्थरक्षार्थ गुल्लक
जहां हर मंदिर को तीर्थक्षेत्र कमेटी से जोड़ने के साथ हर मंदिर से अपील की जाएगी कि वह अपने क्षेत्र के जैन बंधुओं में तीर्थों में दान देने की भावना उन्हीं के निवास स्थान से पूरी हो सके। हमारे लिये हर मंदिर को गुल्लक रखने पर जोर दिया है। गुल्लक योजना समिति के चेयरमैन हंसमुख जैन गांधी ने इस अवसर पर बताया कि लगभग सौ मंदिरों में गुल्लक रखी जा चुकी है। इसके लिये सभी मंदिरों को आगे आना चाहिये। यह सोचना कि हमारे मंदिर की गुल्लक पर असर पड़ेगा, यह निश्चित ही एक संकीर्ण सोच और तीर्थ सुरक्षा की भावना के विपरीत है।
श्री महावीरजी कमेटी ने दिया एक करोड़ का सहयोग
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी को सुप्रीम कोर्ट आदि विभिन्न अदालतों में चल रहे 18 केसों में खर्च हो रहे करोड़ों की राशि के खर्च के चलते श्री महावीरजी तीर्थ प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवालजी ने एक करोड़ रुपये का सहयोग, चैक बाबू जम्बू प्रसाद जैन जी को सौंपा। सुधांशु जी ने इस अवसर पर यह भी बताया कि अभी हाल में शिखरजी केस सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच में अंतिम दौर में था। शुरू में श्वेताम्बर समुदाय द्वारा 4-5 तथा दिगम्बर सम्प्रदाय द्वारा 2-3 दिन की सुनवाई से अपनी ब ात रखने की बात पर सहमति जताई। उसके लिये नौ दिन पूरी सुनवाई भी हुई, जिसमें से साढ़े आठ दिन तो श्वेताम्बर सम्प्रदाय ने ही अपना पक्ष रखने के लिये ले लिये और कहा अभी 4-5 दिन का और समय चाहिये। यही नहीं, केन्द्र सरकार का मानो सांकेतिक हस्तक्षेप हुआ। उसके चलते डबल बैंच ने आगे सुनवाई की बजाय मुख्य न्यायाधीश को केस वापस भेज दिया। अब तीन जजों की बेंच की दोबारा शुरू से सुनवाई करेगी। इसका स्पष्ट मतलब है कि पिछले 20 सालों की सुनवाई फिर दो बार शुरू होगी और कब, यह तो वक्त ही बताएगा। इस अवसर पर अनेक द्वारा सहयोग राशि व मंदिर में गुल्लक रखवाने पर सहमति दी।
हर किसी को जुड़ना होगा तीर्थों की सुरक्षा से, वर्ना क्या बचेगा आने वाली पीढ़ी के लिये
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष बाबू जम्बू प्रसाद जैन ने सभी से इस मुहिम में जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि तीर्थों की सुरक्षा व संरक्षण के लिये आज हर को अपनी-अपनी भूमिका निभानी होगी वर्ना वह दिन दूर नहीं, जब धीरे-धीरे हमारे प्राचीन तीर्थों के साथ अब बन रहे तीर्थ भी हमसे छिनते चले जाएंगे। केवल 400 तीर्थ ही तीर्थक्षेत्र कमेटी से जुड़े हैं।हमारा संगठन और एकता तभी मजबूत होगा, जब हर मंदिर-तीर्थ क्षेत्र कमेटी से जुड़ेगा। हर छोटे-बड़े को भी इससे जुड़ना होगा। जब तक बंटे रहेंगे, हम पर हमले होते रहेंगे और जब मजबूत एकता के साथ खड़े होंगे, तो दूसरा सामने आने से हिचकेगा। आने वाली पीढ़ी को तस्वीरों में ही नहीं, हकीकत में अपनी संस्कृति, विरासत, तीर्थ देने के लिये अब सबकी भागीदारी जरूरी है।
125वां स्थापना वर्ष हमारे लिये अभूतपूर्व अवसर आया है
125वां स्थापना वर्ष समिति के चेयरमैन श्री जवाहर लाल जैन ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि यह 125वां स्थापना वर्ष हमारे जीवनकाल में आया है। इसके निमित से आगामी 25-50 वर्षों के लिये तीर्थक्षेत्र कमेटी संगठन को मजबूत करने का लक्ष्य हमारा मुख्य उद्देश्य है, जिससे कि हमारी संस्कृति सुरक्षित रह सके और हम आगामी पीढ़ी को एक सुव्यवस्थित व्यवस्था हस्तांतरित कर सकें।
अभूतपूर्व सफलता के लिये शुरूआत सबको जोड़ने से
इस अवसर पर चैनल महालक्ष्मी ने कहा कि स्थापना वर्ष समारोह की शुरूआत में अब दो वर्ष से कम का समय है। उसे अभूतपूर्व बनाने के लिये, तीर्थ संरक्षण का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिये हमें पहले अपनी जड़ों तक पहुंचना होगा। जिसके लिये तीर्थक्षेत्र कमेटी के वर्तमान सदस्यों का डॉटा अपडेट हो, आज तक सदस्यों की सूची को सही नहीं किया गया। इसी तरह हर अंचल के अंदर ईकाई जोन बनाकर हर मंदिर से जुड़े, उस मंदिर से जुड़े परिवारों तक पहुंचे। जैन मीडिया पत्रकारों को इसमें अपना पूरा योगदान, अभी से देना होगा। हर मंदिर के महिला मण्डल व युवा प्रकोष्ठ को भी इस अभियान से जोड़कर ही अपनी योजनाओं का सफल कार्यान्वयन पूरा हो पाएगा। यह बेसिक कार्य पूरा करने के लिये आगामी दो माह निर्धारित कर दिये जाने चाहिये। साथ ही इसके लिये हर पूज्यनीय साधु का आशीर्वाद व सहयोग लेने की शुरूआत कर देनी चाहिये।
इसके साथ तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री अशोक दोषी ने योजनाओं की अनुमोदना करते हुए अपने विचार रखे। श्री जयकुमार जैन कोटा वालों द्वारा अल्पसंख्यक विभाग गठन की बात रखी गई। राजस्थान अंचल के अध्यक्ष राजकुमार जैन कोठारी ने आर्थिक पक्ष मजबूत करने पर बल दिया और निश्चित ही अभी हाल में सभी नौ अंचलों में से सबसे बड़ा सहयोग राजस्थान का ही रहा है। राजस्थान अंचल के महामंत्री मनीष जैन वैद्य ने मंच संचालन किया और जानकारी दी कि हम लगातार डाटा बैंक पर काम कर रहे हैं, और कुछ दिनों में अपडेट जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी।
राजस्थान अंचल के संरक्षक विवेक काला ने समाज को तन-मन-धन से सक्रिय सहयोग की अपील की, वहीं सुरेश सबलावत ने प्रत्येक व्यक्ति को तीर्थ संरक्षण का संकल्प लेने की अपील की। इस अवसर पर राजस्थान के अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी की आगामी एक माह में देश के कोने-कोने में अपने 9 अंचलों के द्वारा पहुंचने की योजना है। इसके लिये दिल्ली, हरियाणा, पंजाब के बाद यह राजस्थान अंचल में यह दूसरा कदम था।
( इस बारे में पूरी रिपोर्ट चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 2967 में देख सकते हैं।)