अजमेर ने लिखा काला इतिहास ॰ चातुर्मास हेतु आचार्य श्री संघ के युगल संत को स्थापना के दिन लौटाया ॰ उपवास में करना पड़ा मजबूरन विहार

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॰ अगले दिन बड़ी मीटिंग में, दोषी निष्कासित
॰ समाज ने लिये 5 बड़े फैसले- हर समाज सीखे
॰ निष्कासित ने लगाये शर्मसार होर्डिंग
24 जुलाई 2024// श्रावण कृष्ण चतुर्थी //चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/शरद जैन /
विश्वास नहीं होता वही धरा, जहां 1968 में सभी के वंदनीय आचार्य श्री विद्यासागरजी ने दीक्षा ली थी। हां, वहीं धरा, जहां 91 वर्ष पूर्व पहला चातुर्मास मुनि कल्पचन्द्र सागरजी महाराज का हुआ और तभी ब्यावर में दो परम्पराओं के दो आचार्य शांतिसागर जी का एक साथ चातुर्मास और उसके बाद आचार्य श्री इसी धरा पर आये, हां, वहीं धरा जहां सोनी जी की नसिया है और वही धरा, जहां आचार्य श्री सुनील सागरजी ने प्रवास के दौरान ढाई दिन के झोपड़ा में पहुंचकर, खोई जैन संस्कृति को जगाया। हां, वहीं अजमेर, जिस ने जैन चांद को कलंकित करने में जैसे अहंकार की स्याही को पोत दिया।

हां, सान्ध्य महालक्ष्मी के सामने ही अनेक बार अजमेर समाज ने आचार्य श्री सुनील सागरजी के पास चातुर्मास के लिये श्रीफल समर्पित किये, जब श्रुत पंचमी को पूरे संघ के चातुर्मास के मिलने की संभावनायें खत्म हो गई, तो कुछ संतों के लिये निवेदन किया। फिर दुदु में आचार्य श्री ने अपने दो सुयोग्य शिष्य मुनि श्री शुभम सागरजी और मुनि श्री सक्षम सागरजी के लिये स्वीकृति दी।

अजमेर की 130 वर्ष प्राचीन मुनि संघ सेवा समिति मौजमाबाद से किशनगढ़ होते हुये दोनों मुनिराजों को अजमेर 13 जुलाई को ले आई। दो माह पहले ही आचार्य श्री ने स्वयं अगुवाई लेकर 12 सालों से दो खण्डों में बंटी अजमेर समाज को एक होकर चातुर्मास कराने की सीख दी थी। 12 वर्ष पहले मुनि संघ सेवा समिति में चुनाव हारे प्रदीप पाटनी ने जागृति मंच से नई समिति सामानांतर खड़ी कर दी थी। वे ही बड़ा धड़ा पंचायत के अध्यक्ष भी हैं। उनकोे विद्यासागर तपोस्थली में चातुर्मास कराने के लिये मुनि सेवा समिति ने पत्र दिया, पर उन्हें कह दिया गया कि अपने अध्यक्ष को बदले, या उन्हें पीछे कर कोई नये कार्याध्यक्ष को रख दें, तभी जगह मिलेगी। यानि आपसी अहंकार ने बड़ा रूप ले, संतों को गौण कर दिया।

इस बीच 17-18 जुलाई में जागृति मंच ने एक नई कमेटी – धर्मप्रभावना समिति बनाकर आचार्य श्री सुनील सागरजी से, उसके अंतर्गत चातुर्मास की अनुमति ले ली। प्रदीप पाटनी जी ने ही यह संस्था बनाई और 19 की रात्रि में मटिंग बुलाई जिसमें केवल 10-12 लोग ही आये, और वहां संदीप बोहरा जी और प्रदीप पाटनी जी ने घोषणा कर दी कि चातुर्मास हम कराएंगे।

पुरानी मुनिसंघ सेवा समिति ने दोनों मुनिराजों से बात कर अपने को पीछे कर लिया। अब 20 जुलाई को नई समिति (चतुर्दशी) को श्रीफल चढ़ाना था। पर वहां नई कमेटी ने श्रीफल चढ़ाने की बजाय संदीप बोहरा जी के नेतृत्व में कह दिया कि पुरानी समिति ही श्रीफल चढ़ायेगी और नहीं चढ़ाया तो महाराज वापस चले जायेंगे। समिति सामने बैठी थी, पर अचानक यू-टर्न लेने से हतप्रभ और महाराज ने उन्हें पहले ही पीछे रहने को कह दिया था। उनके मुख से निकला –‘हमारे साथ धोखा हो गया’। चतुर्दशी के उपवास के बावजूद दोनों ने वहां से विहार कर लिया। मुनि संघ सेवा समिति वालों को जब पता चला, तो दोनों काफी आगे निकल चुके थे। उन 20-25 लोगों ने काफी निवेदन किया, पर दोनों साधु अपने विहार पर अडिग रहे। नई कमेटी का एक भी व्यक्ति वहां नहीं पहुंचा।

बात किशनगढ़ में आचार्य श्री तक पहुंची, उन्होंने संदेश तत्काल भेजा कि पहले आहार करो, तब विहार करो। जैसवाल जैन समाज ने आनन-फानन यूथ हॉस्टल में व्यवस्था कराई। इससे पहले युगल मुनि ने एक ट्रेवल्स की दुकान पर कुछ देर रुक सामायिक के बाद आगे विहार किया।

इधर सान्ध्य महालक्ष्मी तक यह खबर पहुंची, किशनगढ़ में दोनों मुनिराजों से चर्चा हुई और फिर तत्काल मंच से समाज की खिंचाई की। इतना कलंकित कर दिया, जैन समाज को।
आचार्य श्री सुनील सागरजी भी अपने को रोक नहीं पाये और अपने उद्बोधन में कहा कि समाज के कुछ लोग इतने अहंकारी हो गये हैं कि अपने सामने संतों को भी नहीं पूछते। रावण जैसे अहंकारी का हश्र सबने देखा है। पता नहीं किस खेत की मूली हैं, बाहर दो शब्द बोल नहीं सकते और आपस में कुत्तों की तरह लड़ते हैं, और ऐसे लड़ते हैं कि कुत्ते भी फेल हो जायें, इनके सामने। (चैनल महालक्ष्मी ने तत्काल इस पर एपिसोड नं. 2747 निकाल कर सबको चेताया, बात 38 हजार से ज्यादा तक पहुंच गई)।

पूरी जगह थू-थू होती देख, 22 जुलाई की रात्रि में आदिनाथ निलय पंचायत छोटा धड़ा नसियां में सभा बुलाई गई। पहले जहां 15 भी नहीं थे, इसमें 200 से ज्यादा ने भाग लिया और एक स्वर में दोषियों को बर्खास्त करने की मांग की। इस सभा में खुलासा हुआ कि नई कमेटी ने रातों रात यू-टर्न इसलिये लिया कि जब बुलाई मीटिंग में समाज से कोई नहीं आया तो, चातुर्मास कैसे करायेंगे, ऐसे में वापस गेंद पुरानी समिति के पाले में डाल देते हैं। उस मीटिंग में अनेक ने विचार व्यक्त किये और फिर सबकी सहमति से 5 बड़े निर्णय लिये गये, जिनको पूरे समाज ने माना तथा दिगम्बर जैन महासंघ, पंचायत छोटा धड़ा, जैन औषधालय, दिगंबर जैन मुनि संघ सेवा समिति, पंचायत गोधो का धड़ा, पार्श्वनाथ दिगंबर जैसवाल जैन मंदिर, जिनशासन तीर्थक्षेत्र नाकामदार, महापूत जिनालय, दिगंबर जैन संगीत मंडल, दिगंबर जैन पार्श्वनाथ कालोनी, पंचशील नगर, सर्वोदय कालोनी समिति, जैन सोशल ग्रुप सहित सकल दिगंबर जैन अजमेर ने स्वीकृति दी, वो इस प्रकार है-

1. साधु परमेष्ठी के प्रति जो अविनय हुआ, उसकी क्षमा आचार्य श्री सुनील सागरजी मुनिराज ससंघ से किशनगढ़ जाकर मांगी जायेगी व वस्तुस्थिति से अवगत करा प्रायश्चित लिया जाएगा। (सान्ध्य महालक्ष्मी को मिली जानकारी के अनुसार 24 जुलाई तक, वे वहां जाने का साहस नहीं जुटा पा रहे)।

2. अजमेर में दिगंबर संतों के आगमन, प्रवास, विहार आदि की व्यवस्था हेतु 130 वर्षों से स्थापित श्री दिगंबर जैन मुनि संघ सेवा समिति को जिम्मेदारी। इसके समानांतर कोई संस्था नहीं बनेगी, बनने पर उसका बॉयकाट (पल्लीवाल व जैसवाल व्यवस्था अलग रहेगी)।

3. सभी संस्थान अपने भवन साधु संतों के लिये नि:शुल्क स्थान प्रदान करेंगे, व उनके आने पर खाली रखेगा।

4. सभी संतों के अंतिम संस्कार बिना बाधा के श्री विद्यासागर तपोवन का स्थान निर्बाध रूप से प्राप्त होगा।

5. समाज को कलंकित करने के लिये दोषी प्रदीप जैन पाटनी, संदीप जैन वोहरा को मुनि संघ सेवा समिति से निष्कासन और कभी सदस्यता नहीं दी जाएगी। इन दोनों के साथ चंदु जैन वैद (किशनगढ़) के खिलाफ भी निंदा प्रस्ताव पारित।

निष्कासन के बाद त्वरित प्रतिक्रिया में लगाये होर्डिंग
देर रात ये 5 बातें स्वीकृत होनेके बाद, निष्कासन घोषणा के बाद समाज और कलंकित तब हो गया, जब अजमेर में जगह-जगह 23 जुलाई को बोर्ड लगाये, जिनमें लिखा था – आप जानेंगे सच्चाई, किन मुनि विरोधियों के कारण अजमेर से हुई चातुर्मास की विदाई, जाने कब-कब, किन-किन ने किया साधुओं के साथ दुर्व्यवहार। सब जानकारी संदीप वोहरा लाइव यू-ट्यूब चैनल पर।

स्पष्ट लगता है कि आज हम लोगों पर अहंकार – मान कषाय इतना सिर पर चढ़कर बोलता है, कि वह स्वयं को ही नहीं, पूरे समाज को कलंकित कर, शर्मसार कर देती है।
इसकी पूरी जानकारी यू-ट्यूब चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 2747,2749 में देख सकते है।