गुरु का सम्मान नहीं, गणिनी आर्यिका मां फफक फफक कर रो पड़ी, क्यों ? पर हद तो तब हो जाती है, जब उस गुरु मां को कह दिया जाता है कि: आज विहार कर लो, रास्ते में देख लेंगे

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09 नवंबर 2023 / कार्तिक कृष्ण एकादशी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी / शरद जैन/EXCLUSIVE
विश्वास नहीं होगा, कि जैन समाज में ऐसे भी कुछ लोग हैं, जो चातुर्मास करवाते हैं और इस तरीके से अपना रूप दिखाते हैं कि एक माता श्री को भी फफक फफक कर रोना पड़ता है , आंसुओं की धारा नहीं टूटती है। आप सोच सकते हैं कि आपको कोई, अपने पिता का कोई जन्मदिवस मनाने को रोक दे, कोई बेटा ऐसा स्वीकार कर सकता है? जैसा हमारे संसार में ऐसा होता है, वैसे ही श्रवण परंपरा में हर शिष्य अपने गुरु का पूरा सम्मान करता है और विशेष अवसरों पर तो गुरु पूजन करने से नहीं भूलता, क्योंकि वह उसके लिए भगवान तुल्य बन जाता है , जो उसे उस राह पर बढ़ा देता है। पर क्या जैन समाज में जहां पहले कभी ऐसा नहीं हुआ, वहां पर गणनी आर्यिका माता को कड़वा घूट पीना पड़ जाए ।

सबके सामने अपमानित होना पड़ जाए । जब उनके गुरु का सम्मान नहीं किया जाए और कार्यक्रम को शुरू होने के चंद पल बाद ही रोक दिया जाए। कैसा महसूस होगा ? पर हद तो तब हो जाती है, जब उस गुरु मां को कह दिया जाता है कि कल विहार कर रही हो, तो आज विहार कर लेना और रास्ते में हम देख लेंगे। एक आतंकवादी धमकी का अंदाज, जब अपना ही कोई देता है, तो दिल में वह बाण की तरह चुभता है। जिसकी भरपाई पूरा समाज भी नहीं कर सकता। सोचिए क्या ऐसा हो सकता है।

लगता नहीं है, पर ऐसा ही होता है , जब आर्यिका माता अपने मुख से इस बात को कहने को मजबूर हो जाती है । यह सब चैनल महालक्ष्मी आज रात्रि आठ बजे, गुरुवार 9 नवंबर को एपिसोड नंबर 2226 में वह दिखाएगा, जिसको देख आपके आंसू का सैलाब नहीं रुक पाएगा । शायद ही कभी ऐसा आपने सुना हो। आज जैन समाज के बाहर को हम देख ही रहे हैं, अपने भी कुछ कम नहीं है। बड़ी शर्म आती है , जब पंथवाद दीमक, इतना गहरा असर कर जाती है, चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली जैसे बात हो जाती है।

देखिए जरुर आज रात्रि 8:00 बजे। ऐसी बातों का क्या इलाज होना चाहिए, क्या कदम उठाने चाहिए? चिंतन इस बात का करें, वैसे आज, वहां का समाज भी, रात को अपनी बैठक कर रहा है।