आचार्य श्री सुनील सागर जी पर चढ़ा गिरनार का भूत, उतरेगा कैसे ?उतरेगा जब, चल अचल तीर्थ की सुरक्षा के लिए कोई फौज तैयार होगी

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07 सितम्बर 2022/ भाद्रपद कृष्ण अष्टमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /शरद जैन/EXCLUSIVE
हां, एक बार नहीं, दो बार नहीं, बार-बार, मानो आचार्य श्री सुनील सागर जी के सिर पर चढ़ जाते हैं गिरनार जी के भूत।
हां , यह हम नहीं कह रहे, वह स्वयं स्वीकार कर रहे हैं, मान रहे हैं, और क्यों कह रहे हैं ?

यह आप आज रात, गुरुवार, 7 सितंबर को चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नंबर 2097 में रात्रि 8:00 बजे देख सकते हैं। लोग कहते हैं गिरनार चला गया चला गया, यह कहने में हमारी जुबान कैंची की तरह चलने लगती है ।

जूझता तो सीखना होगा, यूं ही हथियार डालते रहे, तो कभी जीत नहीं सकते। जागने का वक्त है, कुंभकरण की नींद से, उठकर कुछ करने का वक्त है , हथियार मत डालना , चींटी तक के लिए हिंसा का मना करने का, उपदेश देने वाले महावीर स्वामी जी ने हमें इस से इंकार नहीं किया है कि जरूरत पड़े, तो सर्प की तरफ फूंकारना भी, हाथी की तरह चिंघाड़ना भी, शेर की तरह दहाड़ना भी,

चूहे बनकर बिलों में छिपने से कुछ नहीं होगा, कबूतर की तरह आंख बंद कर के, बिल्ली से नहीं बच सकते, निकलो अब गुफाओं से और दहाड़ों एक बार। अगर अयोध्या के लिए, जो जैन हिंदू तीर्थ है , उसके लिए 500 साल का इंतजार किया सकता है , तो क्या गिरनार के लिए कम से कम 50 साल तो, लड़ना तो सीख लो

ऐसा ही क्या कुछ कहा, आचार्य श्री सुनील सागर जी ने ऋषभ विहार के धर्म मंडप में। तत्कालीन मठाधीश मुक्तानंद ने, जब उनसे बहुत अपशब्द कहे, तो उनके मुख से वहां मौजूद विधायक की उपस्थिति में यही निकला कि यह महीने – डेढ़ महीने से ज्यादा नहीं चल पाएगा और प्रकृति ने वह कर दिखाया । उसने भी माना कि यह तीर्थंकर नेमीनाथ जी की मोक्ष स्थली है और जब आचार्य श्री पांचवी टोंक पर गए, तो पंडो ने भी, पुलिस के बल पर बाहर भी जाप को मना कर दिया, पर जब सिंह प्रवृत्ति वाले आचार्य श्री अपने मन में ठान ले, तो उन्होंने अपने शिष्य को क्या कहा और फिर क्या हुआ, पांचवी टॉक पर।

वह सब भी, जरूर देखिए, आज 7 सितंबर, रात्रि 8:00 बजे, चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नंबर 2097 में।