37 सालों से दिल्ली एनसीआर में हजारों बच्चों को दे रहे नैतिक शिक्षा और अंकुरित कर रहे जैन संस्कार -नैतिक शिक्षण शिविरों का भव्य सामूहिक समापन समारोह -नैतिक शिक्षा से ही समाज उन्नति कर सकता है – रामनिवास गोयल

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10 अगस्त 2023/ श्रावण कृष्ण दशमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ रमेश जैन एडवोकेट, दिल्ली
नई दिल्ली। दिगंबर जैन नैतिक शिक्षा समिति ने इस वर्ष नैतिक शिक्षण शिविरों का सामूहिक समापन समारोह बाल मंदिर सी. सै. स्कूल, डिफेंस एन्क्लेव- विकास मार्ग के भव्य सभागार में 06 अगस्त को आयोजित किया, जो जन-मानस पर गहरी छाप छोड़ गया। ध्वजारोहण, चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन के बाद डॉ. अशोक जैन शास्त्री द्वारा सामूहिक पूजन व नन्ही बालिका धृति जैन ने भक्ति नृत्य के साथ शानदार मंगलाचरण किया।

मैडम अपराजिता जैन के निर्देशन में छोटे-छोटे बच्चों में विदिशा ने अर्घ चढ़ाने, अभिज्ञान ने नमस्कार, नेहा ने भामाशाह, शालिनी ने नयी वर्णमाला के बारे में, इक्षिता ने भक्ति, आद्या ने मेरा देश मेरा कर्त्तव्य, सौम्या व स्तुति ने पर्युषण पर भक्ति नृत्य, हर्षित ने अहिंसा परमो धर्म, नौ बच्चों ने सैनिक वेष में देशभक्ति गीत, आगम ने प्राकृत स्तुति, क्षमा ने योगा कार्यक्रम, पलक बंसल ने शिविर के अनुभव, पलक जैन ने नैतिक शिक्षा के लाभ, आर्जव ने छहढाला, दीप्ति ने भक्तिगीत- अरिहंतों को जानो, दीक्षा ने देश की आजादी, आराध्या ने शिविरों की उपयोगिता, सौरभ ने शाकाहार के महत्व पर शानदार प्रस्तुति दी। राधेपुरी के बच्चों ने जीव दया नाटिका प्रस्तुत कर पटाखों व पतंगों की हानि बताते हुए उनका प्रयोग न करने की प्रेरणा दी। सभी बच्चों के कार्यक्रम देखकर खचाखच भरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।

बच्चों के कार्यक्रम देखकर मुख्य अतिथि विधानसभाध्यक्ष रामनिवास गोयल, दिल्ली के पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली, स्कूल के डायरेक्टर योगेश अरोड़ा, पूर्व पार्षद सुरेंद्र कुमार व अनेक गणमान्य अतिथि भावुक हो गए।
श्री रामनिवास गोयल ने अपने उद्बोधन में मुक्तकंठ से बच्चों की सराहना करते हुए कहा कि समिति के अध्यक्ष धनपालजी बड़े भाई के समान हैं, वे मुझे संत के समान लगते हैं। नैतिक शिक्षा से ही समाज और राष्ट्र उन्नति कर सकता है। इस समिति से मैं भी 20 साल से जुड़ा हूं, मैंने इनसे बहुत कुछ सीखा है। मैं प्याज व लहसुन कभी नहीं खाता। हमने विधानसभा में महावीर जयंती और क्षमावाणी समारोह मनाना शुरू कर दिया है। एक बार तो दिगंबर संतों के विश्राम की व्यवस्था भी की है। पूरी समिति साधुवाद व बधाई की पात्र है।

समारोह के लिए यह शानदार सभागार नि:शुल्क उपलब्ध कराने वाले स्कूल के डायरेक्टर योगेश अरोड़ा ने भी समिति के नैतिक उत्थान के इस अभियान की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्था का यह स्थान कामर्शियल नहीं है। यहां पिछले 20 वर्षों से रामचरित मानस पाठ, सुंदरकांड व धार्मिक तथा नैतिक विकास की गतिविधियां ही चलती हैं। समिति के सभी पदाधिकारियों ने अरोड़ा जी का आभार व्यक्त करते हुए शाल ओढ़ाकर उनका हार्दिक अभिनंदन किया।

दिल्ली के पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली व पूर्व पार्षद सुरेंद्र प्रकाश शर्मा ने भी समिति के कार्यों की सराहना की। समारोह का कुशलतापूर्वक संचालन करते हुए श्री शरद जैन (सान्ध्य महालक्ष्मी) ने समिति की स्थापना 1987 से लेकर अब तक की गतिविधियों व उपलब्धियों पर गरिमापूर्ण प्रजेंटेशन का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विद्वानों, सभी शिविर संयोजकों, शरद जैन, अपराजिता जैन, रमेश जैन नवभारत टाइम्स, सभी सहयोगियों, शिक्षिकों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को सम्मानित किया गया। सभी पदाधिकारियों ने संस्था की स्मारिका का विमोचन भी किया। श्री जिनराज जैन ने अध्यक्षता की। समिति के स्तंभ रहे पुराने पदाधिकारियों एवं गणमान्य व्यक्तियों में सर्वश्री मदन लाल जैन, सुरेंद्र पाल जैन, इंद्र सैन जैन, पी के जैन कागजी, जिनेंद्र जैन कूचा सेठ, वेद प्रकाश जैन, मोती लाल जैन, सुभाष चंद जैन, अनिल जैन, प्रदीप जैन सन्मति, भागचंद जैन तिजारिया, सतेंद्र जैन एडवोकेट, नवीन जैन, जे के जैन रोहिणी, श्री निवास जैन, वीरेंद्र कुमार जैन, अशोक जैन तरुण मित्र परिषद, योगेश जैन, आदर्श जैन, वरुण जैन आदि की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही। शिविर संयोजक प्रवीन जैन ने बताया कि इस बार 64 शिविरों में दस हजार से भी अधिक बच्चों को शिक्षा प्रदान की गई। चित्रकला प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, छहढाला तथा मेधावी बच्चों को हर स्पर्धा में स्वर्ण – रजत व 3-3 प्रोत्साहन पुरस्कारों से सम्मानित किया। इस अवसर पर 64 शिविरों के चित्रकला में प्रथम आए विजेताओं की चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।