बेमौत मारे जाएंगे, अगर सोते रह जाएंगे ; पत्थर रखे, रंगे, फिर जैन तीर्थ बदल गए , सत्ता के डर से कब तक चुप रहोगे: आचार्य श्री सुनील सागर जी

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04 अगस्त 2023/ श्रावण कृष्ण तृतीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन / EXCLUSIVE

जैन संत की नृशंस हत्या के बाद, जब जैन समाज, कमेटियां और लगभग सभी, सुप्त पड़े थे , तब दिल्ली के ऋषभ विहार धर्म सभा में आचार्य श्री सुनील सागर जी महामुनिराज ने जो एक प्रवचन दिया, उसने सबको जोड़ कर रख दिया। जाग उठा पूरा जैन समाज और एक क्रांति सी आने लगी ।

पर क्या, केवल उसी लिए , आज चल और अचल तीर्थों पर जिस तरह हमले हो रहे हैं, उससे लगता है कि इतिहास दोहराने लगा है। आचार्य श्री ने गिरनार, मंदारगिरी, गोमटगिरी, उदयगिरि खंडगिरि,बद्रीनाथ आदि अनेक तीर्थों पर जैन समाज को जगाते हुए, कुछ करने, सुरक्षा के लिए आगे बड़ने की मानो ऊर्जा प्रदान की है

1 पहले तलवार की नोंक पर, अब कैसे बदलाव,क्या सत्ता में बड़ा कुछ नहीं?

2 आज सत्य नहीं ,सत्ता चाहिये, सभी हिंदू मंदिर क्या पहले बौद्ध थे या फिर ?

3 स्वामी जी की बात में कुछ सच्चाई है, महालक्ष्मी, तिरूपति, गिरनार पर क्या नजर उठाई?

4 कपड़े डाल कहां बदले रूप कैसा है जैन स्वरूप ?

5 आज भी दिखाते कहां दादागिरी,तीर्थ की नहीं बन पाती क्यों बाउंड्री?

6 10-15 साल में सिद्धक्षेत्र पर कहां हो गए कब्जे ही कब्जे ?

7 इतिहास मिटाने वाले, खुद मिट जाते हैं
शासकीय सहयोग में जो बंदरबांट कर जाते हैं

8 संसार से पार कौन करायेगा, महावीर स्वप्न क्या पूरा हो पायेगा?

9 आवाज लगती रही, 370 हट गई कश्मीर से
लगाते रहो आवाज, कभी दिखेंगे धरती चीर के

10 हथियारों के सामने क्या अहिंसा पिछड़ गई
सत्ता छोटों को याद रखे, बड़ों को भूल गई

11 बेमौत मर जायेंगे, अगर सोते रह जायेंगे
अगर अभी न जागे तो, लुटते जायेंगे

12 अगर मिटती जैन संस्कृति को बचाना है , स्वयं को बचना है, तो कुछ करना होगा हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठना होगा ।

ऐसे ही 12 सवालों के साथ एक और क्रांतिकारी उद्बोधन में जवाब सभी के लिए। उनके जवाब , जो आपको एक बार फिर, ऊर्जा का नया स्त्रोत भर देंगे । 12 सवाल है, इन सबके जवाब, समाज को उठने उठाने के लिए। वह उद्बोधन, शायद संजीवनी बूटी की तरह काम कर सके। इसे चैनल महालक्ष्मी, शनिवार, 5 अगस्त को रात्रि 8:00 बजे , आपके सामने लेकर आएगा । निश्चय ही आज समाज को एक ऐसे क्रांतिकारी संत चाहिए, जो उनको कम से कम जगा तो सके, वरना आज कोई कुछ करने को तैयार नहीं है। जो हो रहा है, सो हो रहा है , बस ऐसे ही हमारी विरासत है, संस्कृति मिट्टी जा रही है, बदलती जा रही है , छीनी जा रही है। यहां तक कि अब तो चल तीर्थों पर भी आक्रमण हो रहे हैं। सुनिएगा जरूर, शनिवार 5 अगस्त, रात्रि 8:00 बजे एपिसोड नंबर 2031 में 12 सवालों के साथ, आचार्य श्री के क्रांतिकारी जवाब।