गिरनार में हो 1947 की स्थिति बहाल, 20 से 23 अगस्त तक देश भर में गिरनार पर्व, गिरनार में जैन महाकुम्भ

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02 अगस्त 2023/ श्रावण कृष्ण एकम /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
गिरनार तीर्थ क्षेत्र का नाम न बदला जाए एवम माननीय न्यायालयों के निर्णय के विपरीत किये गए निर्माण कार्यो को हटवाने सहित अन्य विषयों पर जैन समाज की राष्ट्रीय बैठक में हुआ निर्णय।
20 से 23 अगस्त तक देश भर में गिरनार पर्व मनाने पर बनी सहमति।
इस वर्ष 10 हजार श्रद्धालुयों के एक साथ तीर्थ यात्रा की योजना।
पांचवी टोंक पर श्वेतांबर दिगम्बर का समान अधिकार।
जल्द गिरनार में होगा जैन महाकुम्भ –
– अंतर्राष्ट्रीय जैन संघ ।

जैन समाज के पवित्र एवम प्राचीन तीर्थ क्षेत्र गिरनार जो कि वर्तमान चौबीसी के 22 वे तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ की मोक्षस्थली है। इस तीर्थ क्षेत्र की सुरक्षा एवम सम्वर्धन को लेकर अंतर्राष्ट्रीय जैन संघ की ओर से सकल जैन समाज की एक राष्ट्रीय ऑनलाइन बैठक 30 जनवरी को आयोजित की गई जिसके सन्दर्भ में राजेश जैन संयोजक अंतर्राष्ट्रीय जैन संघ ने बताया कि इस क्षेत्र की सुरक्षा एवम अधिकारों को लेकर संघर्षरत विभिन्न पदाधिकारियों सहित देश भर के जैन समाज के इस विषय मे चिंतित सक्रीय सदस्य शामिल हुए। बैठक में गिरनार तीर्थ क्षेत्र की यथास्थिति एवम समाज के मजबूत कानूनी पक्ष को रखा गया तथा गिरनार तीर्थ क्षेत्र का नाम बदलकर दत्तात्रेय रखे जाने के गुजरात सरकार के प्रस्ताव को न मानते हुए पूर्ववत ऐतिहासिक नाम गिरनार ही रखे रहने के लिए कानूनी लड़ाई तक लड़ने पर विचार विमर्श हुआ वही माननीय न्यायालयों के निर्णय के बावजूद भी न्यायालय के निर्णयों की अवमानना करते हुए किये गए अवैध निर्माणों की जानकारी सामने रखी गई एवम इन्हें हटवाने तथा 1947 की स्थिति बहाल कराने कानूनी एवम सामाजिक स्तर पर कार्य किये जाने पर सहमति बनी। वही इस विषय पर वर्षो से संघर्षरत एडवोकेट खिल्ली मल जैन ने पुरातत्विक सहित विगत 300 सालों से पहले के गिरनार जी तीर्थ क्षेत्र के जैनों के होने के मजबूत प्रमाण सबके सामने रखे। इसमें इन्होंने बंडी लाल जैन कारखाना द्वारा गिरनार जी तीर्थ क्षेत्र के पुनरोद्धार हेतु वहां के तत्कालीन नवाब से ली गई अनुमति तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संगठन की 1874-75 में जारी वह समस्त रिपोर्ट सामने रखी जो कि गिरनार तीर्थ क्षेत्र को केवल ओर केवल जैन तीर्थ क्षेत्र होना सिद्ध करती है।

वही सागर के एडवोकेट अरविंद जैन ने धीमी न्यायालयीन प्रक्रिया पर अपना असन्तोष जताया, जिसे तेज करने जैन वकीलों की एक राष्ट्रीय फोरम बनाने का सुझाव दिया।
जैन समाज के अग्रणी एवम वरिष्ठ निर्मल कुमार जैन पटौदी इंदौर ने विभिन्न समयों में कमेटियों द्वारा इस दिशा में किये गए प्रयासों को उद्धरित किया वही किसी ठोस रणनीति बनाने पर भी जोर दिया।

जैन समाज के वरिष्ठ स्वदेश भूषण की भी गरिमामयी उपस्थिति बैठक में रही. जिसमे उन्होंने पूरे उत्साह एवम सक्रियता के साथ गिरनार जी पर कार्य करने को कहा। वही गिरनार जी तीर्थ की शीघ्र सुरक्षा एवम् सम्वर्धन हो इसके लिए आगामी 20 अगस्त से 23 अगस्त तक प्रत्येक ग्रामो नगरों, शहरों में तथा जहां जहां आचार्य संघ या मुनिसंघ अथवा आर्यिका संघ विराजमान है उनके सानिध्य में इन दिनों में “गिरनार पर्व ” बड़ी धूमधाम से मनाया जाए क्योंकि इन्ही तिथियों में “20 अगस्त को रविवार, 22 अगस्त ” को भगवान नेमिनाथ का जन्म एवम तप कल्याणक है तथा 23 अगस्त को मुकुट सप्तमी के दिन भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक है। इसी दौरान गिरनार जी मे एक ” “जैन कुम्भ ” प्रतिवर्ष के लिए प्रारम्भ किया जाए, जिसमे देश भर से हजारों की संख्या में तीर्थ यात्री पहुंचे।

वही योगाचार्य नवीन जैन द्वारा गिरनार जी तीर्थ क्षेत्र के प्रति अपने कानूनी पक्ष सहित जैन समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से एक “गिरनार तीर्थ रथ यात्रा ” निकाली जाए, जो कि भगवान नेमिनाथ के जन्मकल्याणक पर दिल्ली से प्रारम्भ होकर उनके निर्वाण कल्याणक पर गिरनार जी मे निर्वाण लाडू चढ़ाने के साथ सम्पन्न हो।

इन समस्त कार्यो के लिए देश भर की समस्त मंदिर कमेटियां अपना अपना सहयोग सुनिश्चित करने के लिए एक “गिरनार फण्ड” के लिए अलग से मंदिर में स्वयं से गुल्लक रखकर एक एक श्रावक की दान राशि को एकत्रित कर उनके भावों को गिरनार से जोड़े। गिरनार जी की पांचवी टोंक तक श्वेताम्बर एवम दिगम्बर दोनों वर्ग समान रूप से वंदना को जाए। न कि सिर्फ अपनी अपनी टोकों के दर्शन तक सीमित रहे ताकि भगवान नेमिनाथ के चरणों पर दोनों वर्गों का समान अधिकार निरूपित हो।
वही इंदौर के गोम्मटगिरी तीर्थक्षेत्र की बाउंडरी वाल शीघ्र बनाने हेतु सकल जैन समाज ने शासन एवम प्रशासन से सहयोग की अपील की।

बैठक में दिल्ली से एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट मनोज जैन, अरविंद जैन, डॉक्टर मनोज जैन, गुजरात सूरत से हितेश भाई, अहमदाबाद से अजय जैन मिल्टन, अहिंसा योग फॉउंडेशन संस्थापक नवीन जैन बरेली, पश्चिमी बंगाल से साहिल जैन, किसनगढ़ राजस्थान से सागवाड़ा जी, भारतवर्षीय दिगम्बर जैन संरक्षिणी सभा से यतीश जैन, कर्नाटक से उमेश जैन, तमिलनाडु से विमल जैन, हरियाणा से विकास जैन, मध्यप्रदेश से ब्र विनय भैया, शैलेश जैन कटनी, जिनेन्द्र जैन जबलपुर, भोपाल से आलोक जैन, एडवोकेट रीवा से मनीष जैन सहित देश के कई राज्यो के प्रतिनिधि उपस्थित थे।