शिरपुर अंतरिक्ष पार्श्वनाथ : दोनों संप्रदाय मिले गले: लेप पर तय हुई शर्ते: किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं, लेप शुद्ध द्रव्यों से

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22 मार्च 2023/ चैत्र शुक्ल एकम/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ EXCLUSIVE/

संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज ने शिरपुर में जागृति की अलख जगाई, सबको एक सूत्र में बांधकर कदम आगे की ओर बढ़ा लिये, परंतु उनकी जलाई ज्योत उसी तरह प्रकाशमय वातावरण को करती रही, जैसे गुमनाम गहन अंधेरे में एक दीपक करता है।

उसी दीपक के तले में अंधेरा रह गया, जिसके चलते वहां तनाव से मनमुटाव बढ़ने पर, दोनों जैन सम्प्रदाय एक-दूसरे को बुरा-भला भी कहने लगे।

ऐसे समय में निर्यातक श्रमण श्री योगसागर जी मुनिराज ने चैत्र कृष्ण चतुर्दशी (20 मार्च) को निर्जल उपवास कर, उन्हीं अंतरिक्ष पार्श्वनाथ की प्रतिमा जी के सामने ध्यानरत रहे कि अब तो भगवान अपने प्रकाश से, इस दीपक तले अंधेरे में भी उजाला कर दो

और उधर सुलह की शर्तों पर बात करते ऐलक श्री सिद्धांत सागर जी महाराज व श्वेतांबर संत आपस में बैठकर सौहार्दमय वातावरण में बात बढ़ाते रहें। दोनों संप्रदायों के बीच जब सुलह की बात तैयार होने लगी, तो उस पर सबसे पहले हस्ताक्षर किए ऐलक श्री सिद्धांत सागर जी ने और साथ में धन्यवाद के पात्र हैं श्वेतांबर संत भी, जिन्होंने मिल-जुलकर आखिरकार इस कठिन रास्ते को सहजता से पूरा कर लिया।

इस अंतरिक्ष पारसनाथ प्रतिमा का चरित्र स्वरूप या कहें सत्य स्वरूप को बिल्कुल नहीं बदला जाएगा। जैसे हैं वैसे रहेंगे। उसमें कोई बदलाव लेप के नाम पर नहीं किया जाएगा। दोनों ने कुछ शर्ते बनाई और जिन पर इकरारनामा, दोनों तरफ के हस्ताक्षर से हुआ, उसका विवरण यहां दिया जा रहा है।

ऐसे अभूतपूर्व एक्सक्लूसिव चित्रों के साथ, उस प्रतिमा का नाप लिया गया, उसका विवरण, चैनल महालक्ष्मी के 21 मार्च 2023 को रात्रि 8:00 रिलीज किये एपिसोड 1755 में भी देखें।

दोनों सम्प्रदाय में तय हुई शर्ते इस प्रकार हैं:-
1. श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा का मंदिर खुला रहेगा।
2. श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा के दर्शन चालू रहेंगे।

3. आज दिनांक 17.3.2023 श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा की प्रतिमाजी के वास्तविक परिस्थति के फोटो वीडियो साथ में संलग्न हैं।
4. श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा के बाजू में लेप के पहले बेरिकेटिंग होगी।
5. श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा के दर्शन हो सके वैसे बेरिकेटिंग की जायेंगी।

6. श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा का लेप आज की प्रतिमाजी की जो परिस्थिति है उसी प्रकार किए जायेंगे, उसमें किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जायेगा।

7. श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा का लेप शुद्ध द्रव्यों से किया जायेगा।

8. श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा के आगे अभी जो छोटी मूर्ति रखी है वो लेप के समय साइड में रखी जायेंगी।

9. श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा जी का पुराना लेप मूर्ति को डेमेज किए बिना डि- प्लास्टर कारीगर की जरूरत के मुताबिक करेंगे।

10. श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा की लेप की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद कारीगर के कहने के मुताबिक जब मूर्ति पूजा करने योग्य बनेगी तब से दोनों पथ के लिए मूर्ति पूजनीय रूप से खुली रखी जाएगी। तब तक सभी भक्त दर्शन का लाभ लेंगे।
11. श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा जी का लेप पूर्ण होने के पश्चात गरम पानी एवम गरम दूध का उपयोग परमात्मा की प्रतिमा पर कोई भी नहीं करेंगे।

12. श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा के लेप के दरमियान कोई भी प्रकार की आपत्ति बाध, रुकावट करने वालों की जिम्मेदारी अपने-अपने पंथ के प्रतिनिधि की रहेंगी।

13. मुद्दा क्रम 6 सुनिश्चिित करने के लिऐ श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा की मूर्ति आज लेप के साथ जिस स्थिति में है उसी स्थिति में नये लेप के बाद भी रहेगी। ये बात सुनिश्चिित करने के लिये दोनों तरफ से दि. 20.3.2023 को कैमरे द्वारा शूटिंग करके श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा का चित्रिकरण करने की बात सुनिश्चिित हुई। लेप की प्रक्रिया का चित्रिकरण होगा और उसका लाईव प्रक्षेपण दोंनो पंथों के अधिसुचित लोंगो को खुली रहेगी। रेकॉडिंग कहीं पर भी नहीं दी जायेगी। कैमरा की मेमौरी पुलिस विभाग द्वारा सील की जायेगी।

उपरोक्त 13 मुद्दे दोंनो पंथों के प्रतिनिधियों को समझाये गये। उस पर विस्तृत चर्चा हुई। सबने सभी मुद्दे बड़ी जागृति से पढ़े और सभी उपस्थित लोगों को उपरोक्त लिखित चीजें पूरी तरह से मान्य हैं। दोनो पंथों के प्रतिनिधियों ने श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ परमात्मा की मूर्ति सहज और सुंदर दिखनी चाहिए ऐसा मत प्रतीत किया और उसमें सहमती बनी। चित्रिकरण देखने के बाद किसी पार्टी का कोई आक्षेप उठाया गया तो वो बैठक करके सुलझाया जायेगा।
सभा के लिये निम्न मान्यवर उपस्थित थे-

20 मार्च 2023 को निम्न द्वारा हस्ताक्षरित
दिगंबर सम्प्रदाय-
1. प. पू. सिद्धांत सागर जी महाराज
2. चंद्रशेखर वर्धमान जी
3. बा. ब्र. तात्यासाहेब नेसकर
श्वेतांबर सम्प्रदाय-
1. पं. परमहंस विजय जी महाराज
2. दिलीप नरेलचंद शाह
3. डॉ. मनीष सुधाकरराव साकले।