23 फरवरी 2023/ फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
फाल्गुन शुक्ल पंचमी, 24 फरवरी 2023, यह वही पावन दिन है, जिस दिन हमारे 19 वे तीर्थंकर श्री मल्लीनाथ स्वामी जी संवल कूट से, सम्मेद शिखरजी में, 500 महामुनिराजों के साथ सिद्ध गए। 1 माह के भोग निवृत्ति काल के बाद, आप श्री सम्मेद शिखरजी पहुंचे थे।
आप की पवित्र आत्मा जो जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र के आर्यखंड के भारत देश के झारखंड राज्य के शास्वत सिद्धक्षेत्रश्री सम्मेदशिखरपर्वत में बने चरणकमल से ऊर्ध्व में 7 राजू ऊपर सिद्धशिला से 37,87,498 धनुष 1 हाथ ऊपर विराजमान है हमारा अनंत अनंत अनंत बार प्रणाम है।
19 वे तीर्थंकर श्री मल्लीनाथ भगवान जी का तीर्थ प्रवर्तन काल 54 लाख 47 हजार 400 वर्ष का रहा। आपके धर्म तीर्थ में पदम नाम के चक्रवर्ती, श्री नंदी मित्र जी बलभद्र और श्री पुष्पदंत जी नारायण हुए और तीर्थंकर श्री मल्लिनाथ जी भी बाल ब्रह्मचारी तीर्थंकर थे। इस संवल कूट से 96 करोड़ मुनिराज सिद्ध हुए हैं और इस टोंक की भाव सहित वंदना करने से एक करोड़ प्रोषध उपवास का फल मिलता है।
चैनल महालक्ष्मी के साथ बोलिए 19 वे तीर्थंकर श्री मल्लीनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक की जय, जय , जय।