आज सब ने कोई ना कोई नशा पाल रखा है फिर वो नशा चाहे –रूप सौन्दर्य का हो,धन दौलत का हो,गुटखा तम्बाकू खाने का हो,पद पैसा नाम ख्याति पहचान का हो,नशा चढ़ते ही हम मदहोश हो जाते हैं और फिर इन्सान को इन्सान नहीं समझते- आचार्य श्रीप्रसन्न सागर जी

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16 फरवरी 2023/ फाल्गुन कृष्ण एकादशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी / निमियाघाट
-परम पूज्य परम पूज्य प्रातः स्मरणीय सबसे उत्कृष्ट तपस्या करने वाले इस भगवान महावीर के बाद तपस्या करने वाले अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज का मंगल आगमन निमियाघाट में हुवा जहाँ 18 से 22 फरवरी तक आचार्य श्री के सानिध्य में भब्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव होगा । आचार्य श्री के निर्देशन में अभिषेक शांति धारा के साथ सभी भक्तों को मंगल आशीर्वाद देते हुवे अपने प्रवचन में बताया कि

जीवन की कुछ समस्याएं ऐसी भी है.. जो नज़रिया बदलने से सब कुछ बदल जाता है..!
यदि व्यक्ति नशे में धुत होकर, रात छत पर जाकर लेटे, तो उसे एक चांद के अनेक चांद ही चांद दिखाई देते हैं। ये नजर का नशा निगाहों को भटका देता है। आज सब ने कोई ना कोई नशा पाल रखा है फिर वो नशा चाहे —

यदि व्यक्ति नशे में धुत होकर, रात छत पर जाकर लेटे, तो उसे एक चांद के अनेक चांद ही चांद दिखाई देते हैं। ये नजर का नशा निगाहों को भटका देता है। आज सब ने कोई ना कोई नशा पाल रखा है फिर वो नशा चाहे —
रूप सौन्दर्य का हो,
धन दौलत का हो,
‘पार्लर जाने का हो, •
रेस्टोरेंट का हो,
● गुटखा तम्बाकू खाने का हो,
-दिन भर चटर पटर खाने का हो, लड़ने लड़ाने का हो,
-पद पैसा नाम ख्याति पहचान का हो।
नशा चढ़ते ही हम मदहोश हो जाते हैं और फिर इन्सान को इन्सान नहीं समझते। हर चीज की अति जीवन के तबाह होने के लिए संकेत देती है। यदि किसी चीज की अति आपके जीवन के उत्थान में बाधक बन रही है तो समझदारी इसी में है कि हम उस बुराई की अति से बाहर आ जायें। और जीव मात्र के प्रति प्रेम अपनत्व उत्साह और स्वयं जीवन के प्रति प्रेम करुणा से भर जाये। फिर देखो जीवन में नशा कैसे पलायन नहीं करता….
आचार्य श्री सम्मेद शिखर जी के पर्वतराज पर 557 दिन की मौन साधना कर निमियाघाट में विराजमान है वहाँ का माहौल अतिशय क्षेत्र जैसा हो गया है लगभग 21 पीछी के साथ माहौल अलग सा प्रतीक हो रहा है आचार्य श्री के सानिध्य में निमियाघाट का कायापलट हो गया है आज

प्रवचन उपरांत आचार्य श्री 108 गुणधर नंदी की मुनिराज का मंगल मिलन हुवा आचार्य श्री पहाड़ की परिक्रमा कर पधारे थे इसके बाद सभी साधु गण का आहार चर्या हुवा साथ ही आज अन्तर्मना गुरुदेव का निरन्तराय आहार के साथ सभी साधु गण का निरन्तराय आहार हुवा।आहार के बाद गुरु भक्ति ,दिन में क्लास संध्या में आरती के साथ भब्य गुरुभक्ति भक्तों के द्वारा किया गया अभी यहाँ प्रतिदिन सेकड़ो की संख्या में गुरुभक्त पधार रहे है। पंचकल्याणक के सभी कार्यक्रम उपाध्याय सौम्य मूर्ति मुनि श्री 108 पीयूष सागर जी महाराज के निर्देशन में हो रहा है।

– राज कुमार अजमेरा