वर्तमान में उजाला है भविष्य में अंधेरा है यह सोचकर अभी से अंधेरे की मत सोचो: मुनिपुंगव श्री सुधासागर

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निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
वर्तमान में मोक्ष नहीं है लेकिन भविष्य में मोक्ष प्राप्त हो सकता है इसके लिए अभी से प्रयास प्रतिदिन मोक्ष की तैयारी करनी चाहिए
1.आप जिसके साथ कोई क्रिया कर रहे हैं आप उनके जिससे बनने के लिए कर रहे हैं,भगवान ने घोषणा कर दी आप मुझे इस भव में मुनि नहीं बनोगें,मोक्ष नहीं जा पाओगे।जैसे धर्मराज ने आशा में खांडप्रस्थ,स्वयं, भाइयों,द्रौपदी को एक-एक करके जुआ में लगा दिया आशा में एक दाव जीत जाऊँगा।सब कुछ भगवान ने जाना इसलिए हम लोगों को मोक्ष जाने का झूठा आश्वासन नहीं दिया, नहीं तो धर्म से हमको घृणा हो सकती थी।
2.आदिनाथ भगवान का पुर्व भव जब वह मुनि महाराज को जंगल में अपनी धर्मपत्नी श्रीमंती के साथ आहार करा रहे थे तब श्रीमंती जी को ही मालूम था मेरे को इस भव में और अगले भव में मोक्ष में मिलने वाला फिर भी उन्होंने मुनि महाराज को बहुत उत्साह के साथ आहार कराया और ऐसा पुण्य कमाया राजा श्रेयांश की पर्याय मे प्रथम आहार आदिनाथ भगवान को देने का सौभाग्य प्राप्त किया।
3.हमें ज्ञात हो जाए की हमारा भविष्य खराब है तो हमें वर्तमान अपना खराब नहीं करना चाहिए, भविष्य हमारा अमंगल है वर्तमान मंगलमय .हैं तो वर्तमान में आप अपना अमंगल मत करो,वर्तमान में उजाला है भविष्य में अंधेरा है यह सोचकर अभी से अंधेरे की मत सोचो।
4.जिनेंद्र जी वर्णी जैन समाज में उन्होंने एक बार गाड़ी से किसने कुछ कहा उतर गए तो वाहान का त्याग कर दिया फिर उन्होंने धर्म की प्रभावना उपसर्ग सहन करते हुए किये।
5.आज भरत चक्रवर्ती को अकृत्रिम चैत्यालय में जो 500 500 धनुष की बड़े बड़े भगवान की भरत चक्रवर्ती महाराज अयोध्या नगरी से जिन बिम्बों के दर्शन करे ।
शिक्षा-आज सभी मन्दिर दर्शन व अभिषेक करें।
ब्र सुकान्त