श्री सम्मेद शिखरजी आपको प्राणों से भी प्यारा है, तो क्या करेंगे यह तीन काम

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29 दिसंबर 2022/ पौष शुक्ल सप्तमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /

आज हर जैन बंधु के चित्त में, मन, हृदय में, दिमाग में बस एक ही बात घूम रही है कि शाश्वत अनादिनिधन श्री सम्मेदशिखरजी तीर्थ को पर्यटन नहीं, धार्मिक पर्यटन नहीं, केवल अहिंसक, शाकाहार, पवित्र जैन तीर्थ घोषित हो। उसके लिये सान्ध्य महालक्ष्मी व चैनल महालक्ष्मी आप से अपील करता है:-

1. मंदिर में जलाएं दीपक, लीजिए संकल्प

आपने प्रधानमंत्री जी की अपील पर ताली, थाली बजाई, मोबाइल की टार्च जलाई, अब श्री सम्मेदशिखरजी के लिये 31 दिसम्बर शाम और एक जनवरी प्रात: मंदिरजी में घर से एक दीपक लेकर जायें, उस पर लिखें – श्री सम्मेदशिखरजी हमें प्राणों से भी प्यारा है और मंदिरजी में संकल्प लें कि जब भी श्री सम्मेद शिखरजी वंदना करेंगे, ऊपर पर्वत पर न कुछ खरीदेंगे, न खायेंगे, और न ही कोई गंदगी फैलायेंगे।

2. शांतिधारा श्री सम्मेदशिखरजी के नाम
अब तक शांतिधारा में लोगों के स्वास्थ्य हेतु नाम लिये जाते रहे हैं, अब जब तक श्री सम्मेद शिखरजी पवित्र जैन तीर्थक्षेत्र घोषित नहीं हो जाता, शांतिधारा में रोजाना यही भावना भायें।

3. मंदिर में श्री सम्मेद शिखरजी विधान
अनेक मंदिरों में 31 दिसंबर या 01 जनवरी को विधान होते हैं, इस बार आप सभी श्री सम्मेद शिखरजी विधान कीजिए, इसी भावना के साथ कि वह शीघ्र पवित्र जैन तीर्थ क्षेत्र घोषित हो।

सान्ध्य महालक्ष्मी एवं चैनल महालक्ष्मी आप सभी से यही अपील करता है कि जैन बंधु यह करेगा और यह जानकारी आगे भी पहुंचाये।