आचार्य श्री के मंगल विहार में उमड़ा जन आस्था का सैलाब

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कवि हृदय पूजन शिविर प्रणेता जीवन है पानी की बूंद भजन के 2200 छंदों के रचयिता परमपूज्य उच्चारणचार्य श्री 108 विनम्र सागर गुरुदेव भक्तांबर वाले बाबा का ऋषि-मुनियों की तपोभूमि धौलपुर नगर मैं पिछले 20 दिनों से प्रवास चल रहा था आचार्य श्री मुनिराज के संग का मंगल विहार आज दोपहर 2:00 बजे श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धर्मशाला से प्रारंभ होकर मुरैना की ओर हुआ इस अवसर पर बड़ी संख्या में जैन समाज की महिलाएं पुरुषों ने भाग लिया और आचार्य श्री के साथ पद विहार करते हुए धौलपुर नगर की सीमा चंबल नदी तक श्री जी के जयकारे लगाते हुए उनके साथ कदमताल करते हुए चले मंगल विहार में आस्था का जनसैलाब उमड़ा महिला पुरुष बच्चे बुजुर्ग सभी का जोश एवं धार्मिक आस्था देखते ही बन रही थी
आचार्य श्री महा मुनिराज संघ का रास्ते में जगह-जगह पर आरती उतार पाद प्रचालन कर स्वागत किया गया महामुनि राज के संग में 16 पिछिया जिनमें 8 मुनि महाराज और आठ माताजी हैं परम गुरु आचार्य श्री विनम्र सागर जी महाराज ने पानी की बूंद भजन के लगभग 2200 छंदों की रचना की है और पूरे देश में मुनिराज भक्तांबर वाले बाबा के नाम से जाने जाते हैं अपने अल्प प्रवास के दौरान दौरान आचार्य संघ द्वारा श्री विनम्र ज्ञान संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जो कि 25 दिसंबर से 3 जनवरी तक चला शिविर के दौरान णमोकार की शिक्षा, मोरल साइंस, भक्तांबर, छह डाला, तत्वार्थ सूत्र की कक्षाएं आयोजित की गई और कक्षाओं में सभी उम्र के लोगों ने भाग लिया और ज्ञान अर्जित कर धर्म लाभ प्राप्त किया पद बिहार में उनके साथ समाज के मंत्री समाज के प्रवक्ता धनेश कुमार जैन सहित बड़ी संख्या में समाज जन शामिल हुए महामुनि राज साधना के सर्वोच्च शिखर पर आसीन होकर जनमानस को प्रेम, करुणा, मानवता ,अहिंसा का संदेश दे रहे हैं
– धनेश जैन प्रवक्ता जैन समाज धौलपुर