पहली बार जानिए, #शिरपुर के #अंतरिक्ष_पारसनाथ जी के तीन पुख्ता प्रमाण, जो कहते हैं इनकी है दिगंबर स्वरूप में ही पहचान

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14 अक्टूबर 2022/ कार्तिक कृष्णा पंचमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी
शिरपुर का अंतरिक्ष पारसनाथ जैन मंदिर, जिसका मूल स्वरूप था , उसी को मिलना चाहिए । इस बात में ना दिगंबर में भेद हो, ना श्वेतांबर में और ना बीच में कूदने वाले, जबरन फोटो लगाकर , वहां पर अपनी धाक जमाने की कोशिश करने वाले कोई भी पंथ हो । समाज को एक होकर अपने तीर्थ को, अपने मूल स्वरूप में रखना होगा। आज हम पंथवाद, संतवाद में इतने बढ़ते जा रहे हैं कि आचार्य श्री पर ही अंगुली उठाने से बाज नहीं आते।

सबसे शर्मसार है यह बात, जिन्होंने अपने जीवन के 50 से ज्यादा बरस इस जैन समाज को समर्पित कर दिए, जो आज भी 77 वर्ष की आयु में, जैन समाज के लिए, जैन तीर्थों के लिए, जैन संस्कृति के लिए , अपना जीवन पूरी तरह समर्पित कर रहे हैं, उन्हीं पर बेवजह झूठे रूप में , अनर्गल आरोप लगाकर, हम बंटवारे की बात स्वयं कर रहे हैं। ऐसे में आचार्य श्री से आशीर्वाद लेने चैनल महालक्ष्मी टीम उनके पास शिरपुर पहुंची थी।

आशीर्वाद दिया उन्होंने और उनके संकेत पर ऐलक श्री सिद्धांत सागर जी महाराज ने कई ऐसी बातें बताई जो हम आपसे आने वाले दिनों में शेयर करेंगे। पर आज, जब चैनल महालक्ष्मी वहां पहुंचा तो उसने एक बार उस क्षेत्र का दौरा किया। इतिहास गवाह है कि यह क्षेत्र दिगंबर की कर्मभूमि रहा है । दिगंबर क्षेत्र ही रहा है यह शुरू से, जहां पर बाद श्वेतांबरको का आना जाना शुरू हुआ। तब एक थे। लेकिन महत्वकांक्षी सपनों ने आज ऐसा कर दिया कि वह तीर्थ के मूल स्वरूप से हटकर , उसे श्वेतांबर रूप में बदलने की कोशिशों में , जो पिछले कई दशकों से हो रही थी , उनको गलत कहने में आज भी पीछे हट रहे हैं। अगर जैन समाज को एक होना है , तो अपनी अतीत की गलतियों को सुधारना होगा और बीच में कूदकर जैन समाज की जग हंसाई करने वाले एक पंथ को भी , इस बात से सावधान रहना होगा ।

पर आज बात करें हम , उन खास बातों की । हां , तीन ऐसी खास बात, जो चैनल महालक्ष्मी ने अपने सर्वे के दौरान वहां पर पाई , जो स्पष्ट इंगित करती हैं कि शिरपुर के अंतरिक्ष पाश्र्वनाथ जैन मंदिर , दिगंबर मूर्त में था, और दिगंबर रूप में ही रहना चाहिए । ऐसे तीन प्रमाण चैनल महालक्ष्मी , वहां पर ढूंढ कर लाया है , जो संभव है आपकी शायद जानकारी में ना आए होंगे ।

ऐसे दो प्रमाण तो इस तरह के हैं , जो आपने भी देखे हो, पर उसको कभी बारीकी से अध्ययन ना किया हो । चैनल महालक्ष्मी शनिवार रात्रि 8:00 बजे के विशेष एपिसोड में आपको तीन पुख्ता प्रमाण देने का प्रयास करेगा कि अंतरिक्ष पाश्र्वनाथ दिगंबर मंदिर था, है और आगे रहना चाहिए ।

पहली बार ऐसा खुलासा, जो अब तक किसी ने नहीं किया। एक्सक्लूसिव रूप में, चैनल महालक्ष्मी आपके सामने लाएगा, तीन पुख्ता प्रमाण , जो दिगंबरों की आन , बान , शान। अंतरिक्ष पार्श्वनाथ आज भी अधर में है , जो इस विवादित जमीन को जैसे छूना नहीं चाहते , चाहे कटघरे में बरसों बंद कर दो, उनकी वर्गनाएं पूरे क्षेत्र को अतिशयकारी , चमत्कारी , करती रहेंगी। ऐसे तीन पुख्ता प्रमाण, शनिवार रात्रि 8:00 बजे चैनल महालक्ष्मी के विशेष एपिसोड में, देखना मत भूलिए

आप भी मानेंगे कि हां सचमुच, अंतरिक्ष पाश्र्वनाथ दिगंबर स्वरूप में मूल रूप में थे और उसी मूल स्वरूप में उन्हें रहना चाहिए।