जैनियो जागो अमीरी का दिखावा बंद करो , अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना बन्द करो- इतिहास गवाह है, जिसने दिखावा किया, वो कही का नहीं रहा

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30 सितम्बर 2022/ अश्विन शुक्ल पंचमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी

1950 में , महारष्ट्र में ,मराठा अपने आप को राजवड़ो से जोड़ते थे, झूठी अमीरी और राजसी शान का गुण गान करते नही थकते थे, नतीजा क्या हुआ।
आज 50 साल बाद , उनको रिजर्वेशन के लिये अपना ही महारष्ट्र जलाना पड़ रहा है,
आज वे गाली बक रहे है अपने ही लोगो को जो 1950 में झूठी अमीरी में जीते थे। आज महाराष्ट्र में अन्य लोग मराठो नफरत से करते है।

यही हाल राजपूतो का भी हुआ।

नादान जैन समाज को ये बात समझनी होगी कि लोकतंत्र में विक्टिम ही बने रहना चाइये, तभी सरकारी योजनाओं का फायदा मिलता है।

हो सकता है कुछ जैन के पास पैसा हो, लेकिन अमीरी के इस गुणगान के पीछे की कहानी क्या है:

1) जैन न तो सरकारी स्कीम का फायदा ही लेता है, और “जैन अमीर है” ये सोच कर न ही कोई govt उनके लिए कोई स्कीम ही बनाती है।

2) जैन अमीर है ये सुनकर ,लव जिहादी जैन की लड़कियों के शिकार पर निकल पड़े है।

3) जैन अमीर है, ये सुनकर , अपहरण करने वाले, चोरी डैकती करने वाले जैन के घरों को निशाना बना रहे है।

4) जैन अमीर है, ये सुन सुन कर हमारे आस पड़ोस में रहने वाले लोग हमसे जलन रखने लग गए है।

5) जैन अमीर है, ये सुनकर EWS के स्कीम में सबसे जांच पड़ताल जैन की फ़ाइल की ही होती है।

6) जैन अमीर है, ये सुनाकर ईसाई मिशनरी , गरीब जैनो को बोल रहे है कि तुम्हारे अमीर जैन भाई तुम्हारी मदद क्यो नही करते।

अमीर जैनो के लिये हो सकता है इन सब बातों से कोई फर्क न पड़ता हो , लेकिन एक गरीब जैन ….?
भाइयो झूठी शान से बाहर निकलो , और जैन अमीर है ऐसी गप्प मारना बंद करो।

अगर अमीर हो तो अपने गरीब भाइयो की मदद करो, और सरकार पर दबाव बनाओ की जैनो के लिये अच्छी योजना बनाओ।

सोशल मीडिया से प्राप्त पोस्ट से