एक ग्रहस्थ अपने जीवन की उत्कृष्टता की ओर किस तरह पहुंच सकता है ,मुनि श्री एकत्व सागर जी (श्री भरत जी काला जी) की समाधि अभी अभी हुई

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18 सितम्बर 2022/ अश्विन कृष्ण अष्टमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
एक ग्रहस्थ अपने जीवन की उत्कृष्टता की ओर किस तरह पहुंच सकता है, यह भरत काला जी के जीवन से समझ सकता है । महज 45 दिन पहले तक एक ग्रहस्थ के रूप में , फिर क्षुल्लक दीक्षा से, मुनि दीक्षा और 4 दिन पहले यम सल्लेखना के बाद आज समाधि मरण, इससे बेहतर एक ग्रहस्थ का जीवन मार्ग नहीं हो सकता । चैनल महालक्ष्मी ऐसे भाव भाता है कि हर ग्रहस्थ इसी तरीके से अपने जीवन के अंतिम समय में , अपने रास्ते को बदलकर, उत्तमता को प्राप्त करें।

एकत्व सागर जी महाराज जी जैन गजट के प्रधान संपादक रहे पंडित प्रवर विद्वान और 4 अगस्त को क्षुल्लक दीक्षा ली और 8 अगस्त को मुनि दीक्षा ली वात्सल्य मूर्ति पुण्य सागर जी महाराज के शिष्य गृहस्थ जीवन का नाम पंडित श्री भरत कुमार जी काला नाम था। धन्य हो आप ने अपने मनुष्य जीवन को सार्थक करते हुए मुनि दीक्षा लेकर, 14.09.22 संध्या काल में सम्मेदशिखर जी में परम् पूज्य मुनि 108 श्री पुण्य सागर जी महाराज के निर्यापकत्व में चारों प्रकार के आहार पानी का त्याग कर यम सल्लेखना ग्रहण की। अभी 18 सितम्बर 2022 को 1.11 पर समाधि मरण को प्राप्त किया है। चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी हार्दिक विनयांजलि अर्पित करता है ,जय हो दिगम्बर जैन मुनि राज की जय हो जैन धर्म की जय हो।